छत्तीसगढ़

पति की मृत्यु के बाद बहु को प्रताडित कर रहे ससुराल पक्ष के लोग After the death of the husband, the in-laws are harassing the daughter-in-law

पति की मृत्यु के बाद बहु को प्रताडित कर रहे ससुराल पक्ष के लोग
पीडीता का आवेदन लेने से मना कर रहे थाना प्रभारी

 

बिलासपुर की एक विवाहिता के घर पति की कोरोना से मृत्यु के बाद मानो दुखो का पहाड टूटा है लेकिन उसके ससुराल पक्ष के लोग उसका दुख बांटने के बजाए उल्टा उसको प्रताडित करने मे लगे है वही स्थानीय पुलिस थाने मे पीडीता का आवेदन भी नही लिया जा रहा है जिससे परेशान होकर पीडीता ने पुलिस उपनिरिक्षक कार्यालय बिलासपुर मे एक शिकायत पत्र दिया है जिसमे उल्लेख करते हुए बताया की पति की मृत्यु के बाद सास ससुर जेठ जेठानी नंनद नंदोइ के व्दारा बार बार दहेज कम लाने व पैसो की मांग करके मानसिक व शारिरिक रूप से प्रताडित किया जाता रहा है पति की मृत्यु के बाद यह प्रताडना और बढ गया ससुराल पक्ष के सभी लोग एकजुट होकर पीडीता को दो बच्चो के साथ घर से बाहर निकाल दिया गया है वर्तमान मे पीडीता बिलासपुर स्थित गौरीगणेश कालोनी मे मे अपने बच्चो के साथ रह रही है पीडीता ने बताया की पति की मृत्यु के बाद पति की शासकीय अभिलेखो को महज इसलिए नही दिया जा रहा है की पीडीता उसका उपयोग शासकीय अनुकंपा नियुक्ति मे ना कर ले पीडीता व उसके पति जिस किराए के मकान मे रहते थे उस मकान के सभी सामानो को पीडीता के ससुराल पक्ष के लोग अपने कब्जे मे ले लिया है इस संबंध मे पीडीता ने थाना प्रभारी से सम्पर्क किया तो पीडीता का प्रकरण दर्ज करने के स्थान पर स्थानिय थाना प्रभारी पीडीता को डराने धमकाने लगा व थाने से भगा दिया जिसकी शिकायत पीडीता ने उपनिरिक्षक कार्यालय बिलासपुर मे करते हुए अपने व अपने बच्चो के लिए न्याय की मांग की हैससुराल की प्रताडना से त्रस्त है पीडीता पीडीत जांजगीर चाम्पा जिले की बेटी है बिलासपुर मे शादी के बाद अपने पति के साथ रह रही थी लेकिन पति की मृत्यु के बाद ससुराल के लोग पीडीता को शारीरीक व मानसिक रूप से प्रताडित करने लगे जिससे पीडीता अत्यंत दुखीत है व मानसिक रूप से अवसाद मे है एैसे कठिन समय मे जहां ससुराल के लोगो को उसे सम्हालना चाहिए वही और प्रताडित कर अपने संवेदनहीन व्यवहार को प्रदर्शित कर रहे है वही इस घटना क्रम मे स्थानीय पुलिस के व्दारा एक पक्षीय कार्यवाही करने से स्थानिय लोगो मे काफी रोष व्याप्त है वहीँ महिला थाने मे प्रकरण की जांच हो रही है कहके थाना प्रभारी ने मामले से खुद को किया अलग
गौरतलब है की पुलिस जहां शिकायत पर जांच कार्यवाही का हवाला देकर दोनो पक्षो की शिकायत पर गौर कर मामला दर्ज करती है वही सरकंडा के थाना प्रभारी अपने यहां शिकायत करने आइ पीडीता दीक्षा शर्मा के मामले मे महिला थाने का हवाला देकर पीडीता की शिकायत दर्ज नही कर रहे है दूसरी तरफ पीडीता को प्रताडित करने वाले सास ससुर के शिकायती पत्र के कापी को सही मानकर बिना जांच किए ही पीडीता के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही के लिए केस बना रहे है जिससे अब कानून व्यवस्था पर भी आम लोगो का विश्वास कम होता दिख रहा है

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