ब्लैक फंगस संक्रमण के संबंध में जागरूकता हेतु साईंबाबा नेत्र चिकित्सालय की पहल Initiative of Saibaba Eye Hospital for awareness regarding Black Fungus infection

ब्लैक फंगस संक्रमण के संबंध में जागरूकता हेतु साईंबाबा नेत्र चिकित्सालय की पहल
रायपुर – छत्तीसगढ़ के प्रख्यात नेत्र चिकित्सालय साईं बाबा आई हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस के संक्रमण के संबंध में जागरूकता हेतु विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही इस संक्रमण के लिये हॉस्पिटल में जांच भी की जा रही है। अस्पताल के संचालक नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आशीष महोबिया ने बताया कि ब्लैक फंगल इन्फेक्शन के बढ़ते मामलों को देखते हुए उन्होंने इसके लिये जागरूकता व जाँच हेतु पहल की है। रायपुर और भिलाई दोनों अस्पतालों में ब्लैक फंगस के संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. जहाँ ज़रूरत है वहाँ जाँच भी की जा रही है। साथ ही साईंबाबा आई हॉस्पिटल की तरफ से ब्लैक फंगस संक्रमण के लिये विशेष शिविर का आयोजन भी किया गया।
इस शिविर में लोगों को ब्लैक फंगस के बारे में जानकारी दी गई। हाल ही में जो मरीज़ कोविड से रिकवर हुए हैं उन्हें अपनी आँखों की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिये। अगर लक्षण नज़र न भी आएँ तो पुष्टि के लिये आँखों की जाँच करवा लेनी चाहिये। समय रहते संक्रमण का पता चलने पर उपचार आसान हो जाता है।
नेत्र रोग उपचार के क्षेत्र में साईँ बाबा अस्पताल अपने आधुनिकतम तकनीक के लिये जाना जाता है। कोविड 19 के बाद ब्लैक फंगस संक्रमण के बढ़ते मामलों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। लोगों की चिंता दूर करने और इस दुर्लभ रोग से पीड़ितों को राहत देने के उद्देश्य से साईँ बाबा आई हॉस्पिटल आगे आकर लोगों का उपचार कर रहा है। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने पहले से ज़्यादा तबाही मचाई है, इसके कारण अन्य सेकेंडरी संक्रमण भी उभरने लगे हैं। देश भर में ब्लैक फंगस इफेक्शन के 9000 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं। बढ़ते केसेज़ को देखते हुए कई राज्य सरकारों ने ब्लैक फंगस को भी एपीडेमिक घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस से परेशान लोगों के लिये ब्लैक और फिर वाइट फंगस चिंता का सबब बन गया है। ब्लैक फंगल संक्रमण यानि म्यूकोर-मायकोसिस, एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। यह म्यूकोर्मिसेट्स के रूप में जाने वाले मोल्डों के समूह के कारण होता है। ये संक्रमण अक्सर कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त विशेषकर डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों को अपना शिकार बनाता है। अगर समय पर इस संक्रमण का इलाज ना हो तो जान भी जा सकती है।