छत्तीसगढ़

महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता व नावा बेस्ट नार्र नोडल द्वारा किया जा रहा उत्कृष्ट कार्य, दुर्गम क्षेत्रों में दे रहे स्वास्थ्य सेवाएं

✍Rajeev Gupta

कोण्डागांव। दुर्गम संवेदनशील बेचा तक नदी-नालों को पार कर महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ममता व नावा बेस्ट नार्र के नोडल प्रकाश बागडे द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं देने जैसे उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे है। जिले के दूरस्थ, दुर्गम और अति संवेदनशील क्षेत्रों में भी मैदानी कर्मचारियों द्वारा बखुबी अपने कत्र्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है, जो वास्तव में सभी के लिए अनुकरणीय और प्रेरणादायी है। ज्ञात हो कि अधिकतर कर्मचारी अपना कार्य क्षेत्र मुख्यालय अथवा आस-पास के इलाकों में चाहते हैं, इसके विपरीत कई मैदानी कर्मचारी ऐसे भी हैं जो सुदूर दुर्गम क्षेत्रों में पदस्थ रहकर अपने दायित्वों को तत्परतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं। इन्हीें में से एक है महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता कु.ममता गड़पांडे। जो बेचा, कड़ेनार जैसे घनघोर जंगल तथा कई प्राकृतिक अवरोधों से घिरे हुए क्षेत्र में रहकर ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं जैसे-टीकाकरण, प्रसव, मौसमी दवाईयों के वितरण आदि सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचा रही है।

अगर ग्राम बेचा की भौगोलिक स्थिति की बात की जाये तो जिला मुख्यालय से इसकी दूरी लगभग 60 कि.मी. है और यह मुख्यालय के अंतिम छोर पर बसा हुआ गांव है, इस पहुंचविहीन ग्राम में आने के लिए ग्राम कड़ेनार से दो नदियाँ भंवरडीग और माडीन नदी को पार करना पड़ता है, वह भी मोटर सायकल अथवा पैदल चलकर। पुल-पुलिया के अभाव के कारण वर्ष के चार माह में ग्रामीण नाव से आवागमन करते आ रहे हैं।

ज्ञात हो कि माओवादग्रस्त क्षेत्र होने कारण इन क्षेत्रों में पुल-पुलिया, रोड इत्यादि के निर्माण बाधा उत्पन्न होती रही है। स्वाभाविक है इन विषम परिस्थितियों के चलते स्वास्थ्य सुविधा यहां ज्यादा अच्छी नहीं कही जा सकती, और तो और इन ग्रामों में अन्य अत्यावश्यक उपयोगी मूलभूत सेवाओं को ग्रामीणों तक पहुंचाना, जिला प्रशासन के लिए एक चुनौती साबित होता रहा है। इसके मद्देनजर कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने विशेष प्रयास करते हुए सर्वप्रथम इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की पहल की और महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति आदेश जारी किए और अब उक्त स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा वर्तमान में नदी-नालों को पारकर ग्रामीणों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।

इस क्रम में यहां पदस्थ एक अन्य कर्मचारी एवं ‘नावा बेस्ट नार्र‘ (मेरा सुंदर-स्वच्छ गांव) के नोडल प्रकाश बागड़े ने भी प्रशंसनीय कार्य करते हुए स्वयं के व्यय पर दो हजार रुपए की दवाईयों को खरीदकर उक्त महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से ग्रामीणों के बीच वितरित किया। ज्ञात हो कि उक्त कर्मचारी द्वारा इसके पूर्व ग्राम कड़ेनार और बेचा के 250 से 300 बेहद निर्धन परिवारों को जिला मुख्यालय में लाकर उनका आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक आदि बनवाया गया था। इन सब उत्कृष्ट कार्य को देखकर कलेक्टर द्वारा उक्त कर्मचारी को एक मोटर सायकल देने की भी बात कही गई है, ताकि इन पहुंचविहीन क्षेत्रों में नावा बेस्ट नार्र अभियान को सुचारु रुप से संचालित किया जा सके।

इसके अलावा इस ग्राम के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती रजबती बघेल द्वारा भी आंगनबाड़ी के माध्यम से नन्हें बच्चों एवं गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य एवं सुपोषण को लेकर भी उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। निःसदेह इन दुर्गम क्षेत्रों में कार्य करके मैदानी कर्मचारियों द्वारा स्थानीय जन समुदाय के बीच शासन के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करने में प्रशंसनीय भूमिका निभाई जा रही है। साथ ही इन्होंने यह भी साबित कर दिया है कि कार्य क्षेत्र कोई भी हो लोककल्याण की भावना सर्वोपरि होनी चाहिए।

राजीव गुप्ता

Rajeev kumar Gupta District beuro had Dist- Kondagaon Mobile.. 9425598008

Related Articles

Back to top button