छत्तीसगढ़

एक की गलती में झोंक दिये पार्टी कार्यकर्ता अनेक* *असली मुद्दों को छोड़कर, एक के पीछे खो दिये विवेकएक की गलती में झोंक दिये पार्टी कार्यकर्ता अनेक* *असली मुद्दों को छोड़कर, एक के पीछे खो दिये विवेक Party workers thrown in one mistake, many ** Discretion lost behind one, excluding real issues

*एक की गलती में झोंक दिये पार्टी कार्यकर्ता अनेक*
*असली मुद्दों को छोड़कर, एक के पीछे खो दिये विवेक

कांकेर/ रायपुर :
भाई साहब आप तो वर्चुअल बैठक के रहते हैं और उधर डॉ रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री के विरुद्ध थाने में अपराध दर्ज हुआ है, उसके विरुद्ध में प्रदेशभर के कार्यकर्ता थानों में जाकर अपनी गिरफ्तारी दिये, लेकिन 15 साल के भाजपा शासनकाल में प्रदेश के हर जिले का वह कार्यकर्ता, जिनके विरुद्ध पुलिस फर्जी मामले बनाकर गिरफ्तार करती थी और हम तत्कालीन मंत्रियों, मुख्यमंत्री और उस समय के प्रदेश भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में बैठे नेताओं को मोबाइल करके बताते थे कि पुलिस ज्यादती कर रही है, तब हमें कहा जाता था कि न्याय अपना काम करेगा, कानून अपना काम करेगा। तो फिर अपराध दर्ज डाक्टर रमन के विरुद्ध हुआ है, तो पुलिस 24 मई को उसके बयान लेने जाएगी । सही तथ्य उन्हें बता देंगे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

पूरे प्रदेश भाजपा को इसमें गिरफ्तारी के लिए के लिये प्रेरित किया जा रहा है, यह शब्द नारायण साहू नामक व्यक्ति ने प्रदेश भाजपा कार्यालय से प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री पवन साय के द्वारा ली जा रही वर्चुअल बैठक में कहीं गयी। बैठक में बैठे सभी नेता सन्न रह गये, बात में दम तो था, लेकिन संगठन महामंत्री ने कहा कि ठीक है आपकी बात सुन लिए। लेकिन गिरफ्तारी देना है, अब एक बात समझ नहीं आई 22 मई को प्रदेश के 28 जिलों में 5-5 प्रमुख स्थानीय नेता, जिसमें विधायक भी थे, प्रदेश पदाधिकारी भी थे, अपने अपने इलाके के थानों में गिरफ्तारी देने गये, तो पुलिस ने कहा कि आप लोगों के विरुद्ध कोई अपराध दर्ज नहीं है। डॉ रमन सिंह और संबित पात्रा के विरुद्ध अपराध दर्ज है, इसलिए उन पर कार्यवाही की जा रही है। अगर ऐसा ही ट्वीट आप लोग करते हैं और आप लोगों के विरुद्ध थाने में कोई शिकायत दर्ज होगी, तो निश्चित रूप से आप लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी।

यह बात स्पष्ट होने के बाद भी प्रदेश भाजपा नेतृत्व 24 मई को क्यों प्रदेशभर के थानों में कार्यकर्ताओं को जबरदस्ती गिरफ्तारी देने के लिए प्रेरित कर रहे हैं या फिर उन्हें प्रेरित करें कि आज 23 मई को वे डॉक्टर रमन जैसे ही ट्वीट करें, तो फिर उनके विरुद्ध अपराध दर्ज हो जाएगा और 24 मई को ससम्मान थानों में उनकी गिरफ्तारी भी हो जाएगी।

क्यों मजाक बना के रख दिए हैं पार्टी को, एक आदमी को बचाने के लिए पूरी पार्टी को झोंक दिया गया है। भाजपा शासनकाल में तो मुख्यमंत्री और मंत्री के ऊपर जब भी कोई भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे, तो उनका कहना था कि प्रमाण है तो न्यायालय जाओ। तो फिर वर्तमान में ऐसी क्या स्थिति है, पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है तो न्यायालय जाकर अपनी जमानत अर्जी दाखिल करो, क्योंकि जो अपराध धाराओं में दर्ज किया गया है वह गैर जमानती है।

आज प्रदेश में जनता के हित के लिए कई मुद्दे हैं, जिस पर भाजपा आंदोलन कर सकती है, लेकिन सब को दरकिनार कर एक व्यक्ति को बचाने के लिए पूरी पार्टी को दांव पर लगा दिया गया है, सभी निष्ठावान कार्यकर्ताओं में गंभीर नाराजगी है, जनता में भी नाराजगी पनप रही है कि भाजपा क्या नाटक कर रही है। इससे बचना चाहिए अभी भी मौका है, जन समस्या को लेकर, आदिवासियों की समस्या को लेकर, भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा जन आंदोलन करें।

कोविड-19 नियमों का उल्लंघन कर, कार्यकर्ता और जनता के हित में अपनी गिरफ्तारियां दें, तो जनता आपके साथ जुड़ेगी। आप कृपया अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और कार्यकर्ताओं को हंसी का पात्र बनने से बचाए। नहीं तो जनता सब देख रही है इतना ही नहीं राजभवन भी आपकी गतिविधियों को देख रहा है।

छत्तीसगढ़ के कई भाजपा के संगठन जिलों के जिला पदाधिकारी और कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं से इस विषय पर जब चर्चा की गयी, तो उनका कहना था कि प्रदेश नेतृत्व को चाहिए कि वह उन दलालों को सामने लाएं। जो भाजपा शासनकाल में मंत्रियों की खूब दलाली करते थे, सप्लाई का काम करते थे, ठेकेदारी के काम करते थे, ट्रांसफर के धंधे में लगे हुए थे। ऐसे लोगों को चिन्हित कर अगर वह घर में बैठ गए हो तो उन्हें जागृत करें‌‌।

अगर कांग्रेस सरकार के संपर्क में आ गए हो, तो उन्हें कह कि आप हमारी सरकार में बहुत कम आए हो और संघर्ष में हमे साथ दीजिए। क्यों गरीब कार्यकर्ताओं को, निष्ठावान कार्यकर्ताओं को आप जेल भेजने में तुले हुए हैं।

अगर भूपेश बघेल ने सरकार और उसकी पुलिस कहीं जेल भेज दी, तो उन कार्यकर्ताओं के परिवार का क्या हाल होगा, उनकी आर्थिक व्यवस्था ऐसे ही चरमरा गई है, उन्हें पार्टी क्या कोई आर्थिक सहयोग करेगी।

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