*कोरोना सन्कटकाल मे आमजनता पर दोहरा बोझ, रोजगार-धन्धे के चौपट के बाद महंगाई ने बिगाड़ा घर का बजट*
बेमेतरा:- वर्तमान परिस्थितियों में सन्कट का यह दौर आमजनता के लिए काफी नुकसान व कष्टदायक साबित हो रहा है। लिहाजा जिलेवासियों के लिए कोरोना का दूसरा लहर समस्याओं व परेशानियों को बढाने में काफी भूमिका निभा रहा है, जिसका खामियाजा आमजनता को भुगतना पड़ रहा है। आलम यह हैं, कि जहाँ एक ओर इस भयानक प्रकोप ने लोगों के असल रोजगार व नौकरियां छीन लिए है, धन्धे व व्यवसाय को पूरी तरह से चौपट कर दिया है। वही इस भीषण मुसीबत के दौर ने राशन सहित जरूरी सामानों पर महंगाई की मार ने लोगों को दोतरफ़ा मार झेलने को मजबूर कर रहा है। जिसमे आम आदमी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जबकि देखा जाए तो कोरोना के दोनों लहर में हर एक क्षेत्र को प्रभावित कर जनता की समस्याओं को काफी बढ़ा दिया है। जो कि आमजनों को सोचने पर विवश कर रहा है।
गौरतलब हो, कि विश्वव्यापी महामारी कोरोना के दूसरे लहर ने पहले वेव की तरह ही ज़िले सहित समूचे विश्वभर ने काफी तबाही मचा रखी है, जिसके चलते शासन- प्रशासन को जिलास्तर में लॉकडाउन लगाकर सारे आवागमन व गतिविधियों को कई हफ़्तों तक के लिए रोकना पड़ा है। लिहाजा इस दौरान लोगों के काम धन्धे बन्द होने से घरो में रहना पड़ रहा है। जहां परिवार चलाने व जीविकोपार्जन के लिये लोगों को पैसे लाले पड़े है। इसी दरमियान महंगाई की मार ने जनता को डबल चित्त कर दिया है। अधिकांश राशन व खाद्य सामानों की कीमत व दामो में दस प्रतिशत से तीस प्रतिशत तक उछाल देखने को मिल रहा है। वही कई जरूरी सामानों की कालाबाजारी से भी उनके भाव सातवे आसमान पर है। लिहाजा असर यह हो रहा है कि आम लोगो का घरेलू बजट पर इसका खूब असर हो रहा है। खाने-पीने के सामानों के महंगे हो जाने के बावजूद लोग अपनी घर- बार चलाने कही से भी व्यवस्था कर लेने को मज़बूर हो रहे है।फिलहाल यह स्थिति किसी एक क्षेत्र तक सीमित नही है ज़िलेभर के चारों विकासखण्डों में महंगाई से आमजन त्रस्त है। जबकि देखा जाए तो राहत के लिए शासन-प्रशासन के द्वारा कोई बड़ा फैसला व कदम नही उठाया जा रहा है, कोरोना के चलते लॉकडाउन पूरे ज़िलाक्षेत्र में प्रभावी है।बीते दिनों कुछ नियम व शर्तों के साथ आंशिक रुप से छूट आम नागरिकों को दी गयी है। लेकिन लम्बे समय तक के लिए अब लोगों को सोचने पर मज़बूर होना पड़ रहा है।ज़िलेभर के हज़ारो लोगों के धन्धे-रोजगार बन्द होने से वित्तीय संकट से जूझना पड़ रहा है, जो कि अमजनता के लिए चिंताजनक है।