छत्तीसगढ़

बिजली गुल होने पर सरकार पर साधा निशाना तो राजद्रोह का मामला दर्ज, दो दिनों में दो कार्रवाई

सबका संदेश न्यूज़ छत्तीसगढ़ रायपुर- छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती से परेशान जनता की आवाज दबाने के लिए अब सरकार राजद्रोह कानून के तहत कार्रवाई कर रही है। बिजली कटौती से परेशान लोग इस बारे में अपनी अभिव्यक्ति लेख और वीडियो के माध्यम से जाहिर कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे अपने खिलाफ दुष्प्रचार मान रही है। पिछले दो दिनों के दौरान ऐसे दो मामलें सामने आएं हैं, जिसमें सरकार ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।सरकारी सेवा में कमी को लेकर की गई सार्वजनिक टिप्पणी पर राजद्रोह का अपराध दर्ज होने का देशभर में अब तक पहला मामला है।

इन दो में से एक व्यक्ति के खिलाफ राजद्रोह की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया था। यह व्यक्ति राजनांदगांव का निवासी है। पुलिस ने इसे गिरफ्तार भी कर लिया। इस घटना के बाद महासमुंद में एक व्यक्ति के खिलाफ बिजली कटौती की अफवाह फैलाने को लेकर रिपोर्ट दर्ज की गई। हालांकि, सीएम भूपेश बघेल ने बाद में मामले की संज्ञान लेते हुए इस कार्रवाई पर नाराजगी जताई। इसके बाद राजनांदगांव में दर्ज की गई एफआईआर से राजद्रोह का मामला हटाया गया। 

राजनांदगांव के रहने वाले इस व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सरकार पर आरोप लगाया था कि इन्वर्टर कंपनियों को व्यापारिक फायदा पहुंचाने के मकसद से राज्य में बिजली कटौती हो रही है। इस पोस्ट के वायरल होते ही स्थानीय प्रशासन तुरंत हरकत में आ गया। इसके बाद इस व्यक्ति पर राजद्रोह की धाराओं में केस दर्ज हुआ। इसके बाद शुक्रवार को महासमुंद में एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि जिले के 40 गांवों में कई घंटों से बिजली नहीं है। इस पोस्ट को भी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार माना गया और प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस व्यक्ति के खिलाफ अपराध का मामला दर्ज किया। इन कार्रवाई के संबंध में जैसे ही सीएम भूपेश बघेल को जानकारी मिली, उन्होंने डीजीपी डीएम अवस्थी से चर्चा की और कार्रवाई पर नाराजगी जताई। 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को सरप्लस पावर स्टेट कहा जाता है। राज्य में इस तरह से बिजली कटौती लोगों को रास नहीं आ रहा है। दूसरी तरफ राज्य की बिजली कंपनी का दावा है कि सबकुछ ठीक है। पिछले दिनों सीएम भूपेश बघेल ने 20 इंजीनियरों को बिजली कटौती का दोषी मानते हुए उनके निलंबन का आदेश दिया था। इसके बाद भी स्थिति में सुधार देखने को नहीं मिली है। 

बहरहाल बिजली कटौती से राजधानी रायपुर से लेकर बस्तर और सरगुजा तक के लोग परेशान हैं। हालात यह है कि रोजाना राज्य के कई बड़े शहरों सहित कस्बों और गांवों में घंटों तक बिजली गुल रह रही है। गर्मी से परेशान लोग इसका सीधा जिम्मेदार सरकार को मान रहे हैं, लेकिन सरकार इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को राज द्रोही मान रही है। लोग इसे लेकर वीडियो और पोस्ट कर वायरल कर रहे हैं, लेकिन सरकार इसे अपने खिलाफ दुष्प्रचार मान रही है।   

 

 

 

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