मनोरंजन

नन्ही परी little fairy

नन्ही परी

पिता के चेहरे पर मुस्कान छा गई।
माँ के दुखों की साथी आ गई।1।

मासूम सलोनी प्यारी सी कली,
बातें है उसकी मिश्री सी डाली।2।

कमसिन है,कोमल है,नाजुक है।
फूलों की खुशबूओं सी इनायत है।3।

कभी लगता है कुदरत ने बुलबुल उतारी है।
मेरी नन्ही परी तु मुझे प्राणों से प्यारी है।4।

मासूम सी कली मेरी प्यारी बिटियाँ।
भाई को राखी बाँधने आ गई।5।

पैरों में घुँघरू बांधकर छमक-छमक तु बजाती।
कभी दादा,कभी दादी,कभी माँ के पास भागती।6।

बरसात के पानी में उछल कुद तु करती।
जैसे वन में मोर की सुंदर छवि को नाचती।7।

*परमानंद निषाद”प्रिय”*
काव्या साहित्य मंच, छ.ग
ग्राम- निठोरा,पो- थरगाँव
तह.- कसडोल,जिला- बलौदा बाजार(छ.ग.)

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