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कोरोना से बिगड़े हालात के लिए केन्द्र, राज्य सरकार और चुनाव आयोग बराबर के दोषी: हनुमान बेनीवाल

जयपुर. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने देश-प्रदेश में कोरोना से बने हालातों के लिए केन्द्र और राज्य सरकार पर हमला बोला है. बेनीवाल ने प्रेसवार्ता कर कहा कि हालातों को समझने और संसाधन जुटाने में केन्द्र और राज्य सरकार दोनों पूरी तरह फेल रही। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जहां केवल झूठी वाहवाही लूटते रहे वहीं राजस्थान सरकार केवल भारत सरकार को बदनाम करने के बहाने तलाशती रही. अगर शुरुआत से संसाधन जुटाने पर ध्यान दिया जाता तो कोरोना की दूसरी लहर इतनी तबाही नहीं मचाती. वहीं बेनीवाल ने चुनाव आयोग को भी हालातों के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को पांच राज्यों के चुनाव एक साल स्थगित करने चाहिए थे.

लापरवाही से भयावह हुए हालात

बेनीवाल ने कहा कि दिल्ली की सरकार ने ना सासंदों की सुनी और ना आम लोगों की वहीं राजस्थान सरकार को भी उपचुनाव से पांच दिन पहले लॉकडाउन लगाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि वैक्सीन विदेश नहीं भेजकर देश के लोगों को लगाई जाती तो हालात इतने भयावह नहीं होते. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्लोबल टेंडर पहले भी कर सकती थी. उन्होंने कहा कि मंत्रियों की सिफारिशों से अमीर लोगों को बेड और वेंटिलेटर मिल रहे हैं लेकिन आम लोगों को कहीं से राहत नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान और राजस्थान दोनों ही भगवान भरोसे चल रहे हैं और जनता दोनों ही सरकारों को कभी माफ नहीं करेगी.

भ्रष्टारियों पर दर्ज करवाएंगे मुकदमे
बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में चिकित्सा मंत्री के गुमशुदा होने की खबरें छप रही हैं. मंत्री विधायकों-सांसदों के फोन तक नहीं उठाते. सरकारी मशीनरी आपस में मिलीभगत कर कोरोना काल में भ्रष्टाचार में जुटी है. उन्होंने भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करवाए जाने की मांग की. जब उनसे पूछा गया कि मामले दर्ज कौन करवाएगा तो बेनीवाल ने कहा कि आरएलपी दोषियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करवा देगी. बेनीवाल ने चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा से इस्तीफे की मांग की. केन्द्र पर मोर्चा  खोलते हुए बेनीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल टेलीविजन पर आकर संदेश देते रहे. वहीं राजस्थान सरकार ने केन्द्र से मिले वेंटिलेटर्स को चालू नहीं किया. बेनीवाल ने कहा कि सरकारें केवल भाषणों से काम नहीं चलाती तो देश को बचाया जा सकता था.

 

 

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