छत्तीसगढ़

एएसपी चंद्राकर का लाठीचार्ज से इनकार, कहा-पुलिस से धक्कामुक्की कर रहे थे कांग्रेसी

सबका संदेस न्यूज़ छत्तीसगढ़ बिलासपुर-  कांग्रेस भवन में हुए लाठीचार्ज के मामले में नौ बार समन पाने के बाद बयान देने पहुंचे एएसपी नीरज चंद्राकर ने लाठीचार्ज की घटना से इनकार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने मातहत अधिकारियों-कर्मचारियों को लाठीचार्ज का कोई आदेश नहीं दिया था। कांग्रेसियों ने धक्कामुक्की की जिससे पुलिसकर्मियों को चोटें आई। कांग्रेसी अभद्र व्यवहार कर रहे थे। कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव व अन्य नेता हुज्जतबाजी कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार कर कोनी थाने ले जाया गया। उन्होंने वहां भी पुलिस के साथ हुज्जतबाजी की।

मंत्री के घर कचरा फेंकने से रोका तो कांग्रेसियों ने की धक्कामुक्की

  1. एएसपी चंद्राकर अपने अधिवक्ता के साथ मंगलवार दोपहर 3 बजे अतिरिक्त दंडाधिकारी कोर्ट में बयान देने आए। करीब डेढ़ घंटे तक वे जांच अधिकारी बीएस उइके से मुखातिब रहे और उनके सवालों का जवाब दिए। जांच अधिकारी ने उनसे पूछा कि उस दिन की उनकी ड्यूटी कहां लगी थी। उन्होंने बताया कि वे राजेंद्र नगर चौक में थे जहां कांग्रेसी नगरीय प्रशासन मंत्री अमर अग्रवाल के बंगले का घेराव करने आने वाले थे। कांग्रेसी वहां पहुंचे। उनके हाथ में कचरा था। मंत्री के घर पर कचरा फेंकने से मना किए तो अभद्र व्यवहार करने लगे। वहां धक्कामुक्की हुई और इस संबंध में एफआईआर हुआ।
  2. कांग्रेसी वहां से कांग्रेस भवन गए तो उन्हें उनके द्वारा पुलिसकर्मियों के साथ छत्तीसगढ़ भवन के सामने रोकने का प्रयास किया गया लेकिन वे नहीं माने। वहां भी उन्होंने धक्कामुक्की और अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोनी थाने लगे गए। वहां उन्हें छोड़ा गया। जब जांच अधिकारी ने कांग्रेस भवन में लाठीचार्ज के बारे में पूछा तो उन्होंने लाठीचार्ज करने व आदेश दिए जाने से इनकार किया। इसके बाद उन्होंने जांच अधिकारी से प्रतिपरीक्षण कराए जाने की मांग की। प्रतिपरीक्षण के लिए सभी का बयान होना जरूरी है। एक टीआई का बयान अभी बाकी है। 
  3. कैसे तत्कालीन एसपी के पत्र से मेल नहीं खा रहा एएसपी का बयान 

    धारा 46-2 का जिक्र नहीं किए 
    तत्कालीन एसपी रहे आरिफ शेख ने जांच अधिकारी को 19 दिसंबर 2018 को लिखे पत्र में लाठीचार्ज से इनकार करते हुए कहा था कि कांग्रेस भवन के पास पुरुष कांग्रेसियों के महिला आरक्षकों से धक्कामुक्की व पत्थरबाजी करने और लगातार अनर्गल टिप्पणी करने के बाद गिरफ्तार किया गया। धारा 46-2 के तहत कार्यवाही की गई। इस धारा के साथ ही महिला आरक्षकों से धक्कामुक्की का जिक्र एएसपी चंद्राकर ने अपने बयान में नहीं किया। 

  4. मंत्री का नौकर-दलाल की बात बयान में नहीं 
    तत्कालीन एसपी रहे शेख ने अपने पत्र में बताया था कि राजेंद्र नगर में कांग्रेसियों की गिरफ्तारी का प्रयास किया गया तो वे धक्का-मुक्की करते हुए भागकर कांग्रेस भवन जाने लगे। एएसपी नीरज चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ भवन के सामने रोका और गिरफ्तारी देने कहा। अटल श्रीवास्तव आदि कहने लगे- पुलिस स्थानीय मंत्री के दलाल, नौकर है। यदि हिम्मत है तो गिरफ्तार करके दिखाओ। यह बात भी एएसपी के बयान में नहीं है। 
  5. पत्थरबाजी का जिक्र नहीं किया बयान में 
    तत्कालीन एसपी रहे शेख ने अपने पत्र में बताया था कि फोर्स जब गिरफ्तार करने पहुंची तो कुछ लोग पत्थर फेंकने लगे और झूमाझटकी कर गिरफ्तारी का विरोध करने लगे। लगातार अनर्गल टिप्पणी करने पर एएसपी द्वारा प्रधान आरक्षक हरनारायण पाठक की रिपोर्ट पर उन्हें पकड़ने की कार्रवाई की गई। इधर अपने बयान में एएसपी ने प्रधान आरक्षक और पत्थरबाजी का जिक्र नहीं किया है। 

 

 

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