छत्तीसगढ़

क्या IPS राहुल शर्मा जैसे ही दानवीर आरक्षक पुष्पराज की फ़ाइल भी बंद कर दी जाएगी – राघवेन्द्र पाण्डेय Will the file of Danveer constable Pushparaj be closed as soon as IPS Rahul Sharma – Raghavendra Pandey

*क्या IPS राहुल शर्मा जैसे ही दानवीर आरक्षक पुष्पराज की फ़ाइल भी बंद कर दी जाएगी – राघवेन्द्र पाण्डेय*

*या सिस्टम इस युवा को न्याय दे पाएगा* –

 

रवि तंबोली के कान्हा तिवारी /
जांजगीर- प्रदेश में सरकार किसी की भी हो लेकिन सिस्टम तो वही रहता है, 2012 में सिस्टम की भेंट चढ़ा था युवा आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा और वर्तमान में इसी सिस्टम की भेंट चढ़ गया पुलिस विभाग का ही एक आरक्षक पुष्पराज सिंह, उक्त बातें पं राघवेंद्र पांडेय ने कहीं।
श्री पाण्डेय आगे कहते हैं कि सरकारें बदलती रहती हैं लेकिन सिस्टम की काई जमीं की जमीं रहती है। श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि बहुत दुःखी हूं और आहत भी हूं कि एक होनहार नौजवान के साथ साथ एक दानवीर को हमने खो दिया। फेसबुक के माध्यम से यह भी पता चला कि उक्त पुलिस आरक्षक ने सीधे सीधे जिले के पुलिस कप्तान के ऊपर उंगली उठाई थी, युवा आरक्षक ने लिखा था कि मेरे ऊपर अगर किसी भी प्रकार की कोई कानूनी कार्रवाई या मेरी मौत होती है तो उसके लिए सीधे तौर पर जांजगीर एसपी पारुल माथुर जिम्मेदार हैं, यह पोस्ट 10 अप्रैल को डाली गई थी, उसके एक माह बाद ही 13 मई को संदिग्ध अवस्था मे इस युवा पुष्पराज की लाश मिलना संदेहास्पद तो है ही, वहीं परिजनों का मानना है कि पुष्पराज की मौत बिजली के करंट से नहीं बल्कि उसकी हत्या हुई है। श्री पाण्डेय आगे कहते हैं कि 12 मार्च 2012 को बिलासपुर में युवा आईपीएस राहुल शर्मा की लाश भी इसी तरह पुलिस ऑफिसर मेस के एक कमरे में पाई गई थी, वहां एक सुसाइड नोट भी मिला था और उसमें उच्चाधिकारियों की प्रताणना की बात सामने आई थी, मगर उस केश में भी सब ठंडे बस्ते में चला गया था, स्व. राहुल शर्मा की मौत के बाद लगातार सिस्टम के ऊपर तोहमतें लगाई गई लेकिन जब आईपीएस अधिकारी की मौत सिस्टम की भेंट चढ़ गया तो क्या इस युवा आरक्षक पुष्पराज को न्याय मिल पाएगा यह भी संदेह के घेरे में हैं। राघवेंद्र पाण्डेय आगे कहते हैं कि जिस युवा पुलिस कर्मचारी की एक वर्ष पहले प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल, और प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने पीठ थपथपाई थी और उसके एक वर्ष के वेतन को कोरोना महामारी के काल में दान के लिए उसे सराहा गया था क्या उस युवा को इस काई लगे सिस्टम से न्याय मिल पाएगा या फिर यह भी राहुल शर्मा की तरह गुम होकर रह जाएगा, श्री पाण्डेय कहते हैं कि अब देखना है कि प्रदेश की संवेदनशील सरकार एक्सन लेती है या फिर जांच के नाम पर खानापूर्ति कर युवा आरक्षक की फाइल बंद कर देती है।

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