छत्तीसगढ़

केशकाल: समाचार संकलन करने गए पत्रकार के साथ कलेक्टर ने किया अनापेक्षित व्यवहार, पत्रकारों ने अफसोस एवं जाहिर की चिंता Keshkal: The collector behaved unexpectedly with the journalist who went to compile the news, the journalists expressed regret and expressed concern.

*केशकाल: समाचार संकलन करने गए पत्रकार के साथ कलेक्टर ने किया अनापेक्षित व्यवहार, पत्रकारों ने अफसोस एवं जाहिर की चिंता*

केशकाल:- सोमवार को जिला कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा द्वारा बस स्टैंड में कवरेज करने के लिए गए वरिष्ठ पत्रकार के साथ किये गए अनुचित व्यवहार को लेकर केशकाल के पत्रकारों ने मंगलवार को एक बैठक रखी गयी। बैठक में पत्रकारों ने एक स्वर में कलेक्टर के द्वारा केशकाल के वरिष्ठ पत्रकार के साथ किये गये अनापेक्षित व्यवहार पर आपत्ति और चिंता जाहिर करते हुए कहा की इस हाल में पत्रकार अपना फर्ज निर्वाह नहीं कर पायेंगे।

*जानिए क्या है पूरा मामला-*

आपको बता दें कि बीते सोमवार को कोंडागांव कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा केशकाल नगर के दौरे पर थे। इस दौरान कलेक्टर बस स्टैंण्ड के पास स्थापित जांच चौकी का निरीक्षण करने पहुंचे थे। कलेक्टर के आने की सूचना मिलते ही वहां समाचार संकलन करने के लिए पंहुचे वरिष्ठ पत्रकार मो. असलम से कलेक्टर ने अनुचित व्यवहार किया था। केशकाल के अन्य पत्रकार साथियों को इस बात की जानकारी मिली तब पत्रकारों ने केशकाल एसडीएम दीनदयाल मंडावी से अनुमति लेकर मंगलवार को एक बैठक आयोजित किया। बैठक में कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए केशकाल एवं बडेराजपुर ब्लाक के पत्रकार गण सहभागी बने। बैठक में सर्वप्रथम मामले की जानकारी लिया गया जिस पर मो.असलम ने आपबीती बताया वही प्रत्यक्षदर्शी रहे दूसरे पत्रकार ने भी जो देखा जो सूना वो बताया। जिसे सुन कर उपस्थित सभी पत्रकारों ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा की कम से कम कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा से यह उम्मीद नहीं किया जा सकता परन्तु उन्होंने जिस भी स्थिति परिस्थिति वश वरिष्ठ पत्रकार से बर्ताव किया उसे कदापि सही नहीं माना जा सकता।

*क्या पत्रकारों को कवरेज पर जाने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी-*

जब कलेक्टर को यह मालूम हो गया और वरिष्ठ पत्रकार द्वारा उनके द्वारा मांगे जाने पर अपना प्रेस कार्ड दिखा दिया गया था तब उन्हें यह नहीं बोलना था कि ” हमने तो मिडिया वालों को नहीं बुलवाया है, अच्छा आप लोग अब फ्रि हैं, जा सकते हैं “। बैठक में उपस्थित पत्रकारों ने यह सवाल खड़ा किया कि क्या-अब कलेक्टर के बुलवाने पर ही या उनकी अनुमति लेने के बाद ही पत्रकार समाचार संकलन के लिए कही जा पायेंगे।

*छत्तीसगढ़ सरकार ने पत्रकारों को घोषित किया है कोरोना वारियर्स-*

बैठक में यह भी बात उठा की एक तरफ छत्तीसगढ़ की सरकार पत्रकारों को कोरोना वारियर्स मानती हैं वही दूसरी तरफ कलेक्टर साहब इस तरह का रवैय्या अख्तियार करते हैं जो हमारी समझ से परे हैं। बैठक में कलेक्टर के खिलाफ किसी को ज्ञापन या शिकायत भेजने की बजाय कलेक्टर साहब को ही सभी पत्रकारों की तरफ ससम्मान पत्र प्रेषित कर उनके अनापेक्षित व्यवहार से पत्रकारों को पंहुचे दुख एवं चिंता से वाकिफ करते हुए पत्रकारों के लिए उनके कर्तव्य निर्वाह हेतु नियम निर्देश जारी करने का अनुरोध किया जायेगा ताकि भविष्य में किसी और पत्रकार को इस तरह के अनापेक्षित अपमान जनक बर्ताव का सामना न करना पड़े।

*लगातार फैलते कोरोना संक्रमण पर पत्रकारों ने जाहिर की चिंता-*

पत्रकारों ने वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमंण के फैलने पर भी विचार विमर्श करते हुए चिंता जाहिर किया और यह संकल्प लिया की कोरोना से बचने के लिए आवश्यक सावधानी बरतने एवं कोरोना जांच करवाने और वैक्सिन लगवाने के लिए समाज में जागरूकता लाने के लिए एवं प्रभावितों को प्राणरक्षक स्वास्थ्य सुविधा सुलभ कराने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। पत्रकारों की बैठक में फैलते कोरोना संक्रमंण पर अंकुश लगा पाने में सफलता न मिल पाने के कारंण और लाकडाउन के दरम्यान लाकडाउन हेतु जारी दिशा निर्देश का पालन कराने में किए जा रहे उदासीन संवेदनहिन पक्षपातपूर्ण रवैय्ये पर भी चिंतन मनन किया गया।

 

 

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