सेशल्स में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन, फिर भी जारी है ताबड़तोड़ संक्रमण Seychelles has highest vaccination, yet continues to develop infection

नई दिल्ली. कोरोना वायरस से बचने का इस वक्त जो सबसे बेहतर उपाय दिख रहा है- वो वैक्सीन है. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ा दी गई है, ताकि संक्रमण पर काबू किया जा सके. हालांकि अफ्रीका के पूर्वी छोर पर मौजूद टूरिस्ट आइलैंड सेशल्स से आने वाले आंकड़े वैक्सीनेशन के मामले में थोड़ा निराश करने वाले हैं. हिंद महासागर में स्थित सेशल्स ने आक्रामक तरीके से वैक्सीनेशन अभियान चलाते हुए अपने देश की करीब 60 फीसदी आबादी को अब तक वैक्सीनेट कर दिया है. फिर भी वहां से सामने आ रहे संक्रमण के आंकड़े दुनिया भर को हैरान कर रहे हैं. सेशल्स के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक यहां पिछले हफ्ते से कोरोना के सक्रिय मामले दोगुने होकर 2 हजार 486 तक पहुंच गए है. संक्रमित हुए लोगों में से 37 फीसदी लोगों ने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी है.
सेशल्स के आंकड़ों पर चिंतित WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह वैक्सीन की विफलता है, यह पता लगाने के लिए बड़े स्तर पर विश्लेषण करने की जरूरत है जिसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैक्सीन, बॉयोलॉजिकल और प्रतिरक्षण विभाग के निदेशक केट ओ ब्राइन का कहना है कि उनकी संस्था सेशेल्स में हालात का जायज़ा ले रही है और केस की गंभीरता और वायरस के स्ट्रेन का पता लगाने का प्रयास कर रही है.
चीन की वैक्सीन ने दिया धोखा!
सेशेल्स में जिनका टीकाकरण पूरा हो गया है, उसमें से 57 फीसदी को चीन की साइनोफार्म के डोज़ दिए गए, वहीं बाकियों को एस्ट्राज़ेनका के लाइसेंस के तहत भारत में तैयार हुई कोविशील्ड दी गई है. सेशेल्स ने संयुक्त अरब अमीरात से डोनेशन के तौर पर चीन के साइनोफर्म टीकों का उपयोग करके कोरोना वायरस (कोविड -19) के खिलाफ अपनी आबादी का टीकाकरण शुरू किया. बाद में, सेशेल्स ने कोविशील्ड टीके का उपयोग किया, जो कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा निर्मित एस्ट्राज़ेनेका के शॉट का एक संस्करण है. डार्टमाउथ गीज़ल स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर डेनियल लूसी का कहना है कि अप्रैल के महीने में सेशेल्स में हुए संक्रमण की जेनेटिक श्रृंखला का डेटा अभी उपलब्ध नहीं है. जेनेटिक श्रृंखला के जरिए कोविशील्ड और साइनोफार्म वैक्सीन लिए हुए और बिना वैक्सिनेट हुए लोगों के बीच तुलनात्मक अध्ययन किया जा सकता है. इससे पता चल सकेगा कि वैक्सिनेशन के बाद भी इतने अधिक संक्रमण की वजह क्या रही? हालांकि सेशेल्स की समाचार एजेंसी के मुताबिक 8 मई तक वैक्सीन के बाद भी संक्रमित हुए किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है.
पर्यटन ने बढ़ाए केस, अब पाबंदियां
सेशल्स की ही तरह हिंद महासागर के एक और देश मालदीव्ज़ में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं. पर्यटन, इस देश की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है. बताया जा रहा है कि बीते दिनों भारत से आए धनाढ्य लोगों के सेशेल्स में पहुंचने के बाद से केस बढ़ रहे हैं. पिछले पांच, सात और 14 दिन में इस देश में प्रति एक लाख लोगों पर सबसे ज्यादा नए केस देखे गए हैं. सेशेल्स सरकार ने यह भी आदेश दिए हैं कि यहां आने वालों लोगों को आगमन पर चार दिन पहले करवाई गई कोविड 19 की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखानी होगी, यह शर्त उन पर भी लागू होगी जो टीका लगवा चुके हैं. साथ ही पिछले हफ्ते से ही ट्रॉपिकल द्वीपों वाले सेशेल्स में स्कूल, जिम, सिनेमा और खेल कूद जैसे कार्यक्रम बंद करने के आदेश दे दिये गए हैं, साथ ही रात 9 बजे से सुबह 4 बजे तक के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया है.
औसत में भारत से भी ज्यादा हैं कोविड मामले
इस वक्त सेशल्स की 70 फीसदी आबादी को कोविड वैक्सीन की एक डोज तो लग ही चुकी है. इतने प्रभावी टीकाकरण के बाद भी सेशेल्स में औसतन भारत से भी ज्यादा कोविड-19 के मामले सामने आए हैं, जहां आबादी के 3 प्रतिशत का भी पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हुआ है. अवर वर्ल्ड इन डेटा के अनुसार, सेशेल्स में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन नए कोविड -19 मामलों के लिए नवीनतम 7-दिन का औसत भारत की तुलना में दोगुने से अधिक है. वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नए मामलों में वृद्धि की पुष्टि हो सकती है कि देश में इस्तेमाल होने वाले कोविड -19 टीके “तुलनात्मक रूप से कम प्रभावशीलता वाले हैं.” वैसे भी सेशल्स की केस स्टडी जारी है कि आखिर टीकाकरण के बाद भी कोविड के नियंत्रित न हो पाने की वजह क्या है
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