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*परपोड़ी में स्थानीय प्रशासन की दोहरी नीति से लॉकडाउन की उड़ाई जा रही धज्जियां सोशल मीडिया में हुआ चर्चित*

परपोड़ी:- वैश्विक कोरोना महामारी को नियंत्रित करने लगाए गए ज़िलाव्यापी लॉकडाउन के दौरान इन दिनों नगर पंचायत परपोड़ी में प्रशासनिक आदेश व प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। जिसको लेकर स्थानीय नगरवासियों में पंचायत प्रशासन के गैरजिम्मेदारी व लापरवाही को लेकर रोष व्याप्त है। जिसको लेकर प्रशासन के खिलाफ आम लोगों का गुस्सा सोशल मीडिया पर भी दिखाई पड़ रहा है।
दरअसल सोशल मीडिया के पोस्ट के मुताबिक नगर पंचायत परपोड़ी ने जब से लॉकडाउन लगा है तब से नियम कानून व आदेश की धज्जियां उड़ाकर कारोबार किया जा रहा है।लगातार बड़े बड़े किराना व अन्य दुकान चालू हो जाता है, जो पर्दे के पीछे से रोजाना बेखौफ होकर कारोबार कर रहे है। जो न तो नगर क्षेत्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रति जवाबदेह है और नही प्रशासन के दिशानिर्देश व गाइडलाइंस का पालन करते।जबकि यही परपोड़ी में नगर का कोई छोटा दुकानदार अगर अपना दुकान खोलता है तो नगर पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी गण नियम कानून बताकर कार्यवाही करते है।इस सम्बंध में लोंगो का कहना है एक ओर लगातार नियम कानून एवं प्रोटोकॉल को ताक में रखकर कारोबार करने वालो पर प्रशासन मेहरबान रहती है ,वही छोटे तबके वालो पर धावा बोलती है।जबकि नियमतः नगर क्षेत्र में लॉकडाउन प्रभावी होने से उल्लंघन करने वालो पर निष्पक्ष रूप से सबके ऊपर बिना भेदभाव के कार्यवाही किये जाना चाहिए। जबकि वास्तव में नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी नगर में दोहरी नीति वाली कार्यशैली चलाकर शासन-प्रशासन के प्रति लोगों में आक्रोश पैदा कर रहा है।इन दिनों आलम यह है कि स्थानीय सब्जी बाजार में सैकड़ो की तादाद में लोग सब्जी लेने के लिए बगैर, मास्क व सेनेटाइजर के शारिरिक दूरी का पालन करते हुए लेन देन कर रहे है,जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर स्थानीय प्रशासन के प्रति गैरजिम्मेदारी व लापरवाही को लेकर चर्चे में है।चूंकि सोशल मीडिया के पोस्ट की माने तो पंचायत के जिम्मेदार लोगो द्वारा बड़े व्यापरियों पर विशेष छूट दी गयी है वही छोटे व मंझले दुकानदारों पर धावा बोलकर नियम कानून बताकर भेद कर रहै है।जिसमे नगरीय प्रशासन की इस भेदभावपूर्ण कार्यशैली को नगरवासी अपने सोशल मीडिया के माध्यम से भढास निकाल रहे है जिसे की लोग नगर पंचायत प्रशासन को अंधेर नगरी चौपट राजा की संज्ञा देकर कटाक्ष कर रहे है।जिस पर ज़िला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है,ताकि जनता में कम हो रहे विश्वनीयता बनी रहे।

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