कवर्धा 8.5.2021- पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी के प्रकोप से पीड़ित है। प्रदेश में भी कोरोना भयावह स्थिति किसी से छिपी नही है। जिसके चलते आम जनता भय के वातावरण में जीने को मजबूर है तो दूसरी ओर निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा कोरोना मरीजों से लूट की बात छिपी नही है और यह बात एक राष्ट्रीय अखबार ने स्वीकार करते हुवे प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित भी की है। कोरोना पीड़ितों के अस्पतालों में होने पर निजी स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अनाप शनाप लूट के चलते परिवार जन भी मानसिक रूप से अपने आप को पीड़ित महसूस कर रहे है। मध्यम व निम्न वर्ग के इस बीमारी से मौत को इस लूट से भी जोड़ कर देखना अनुचित नही होगा क्योंकि जब पीड़ितों के परिवार अस्पतालों में राशि जमा करने अपने आप को असहाय महसूस करने लगते है तब अस्पताल भी उनके इलाज से हांथ खींच लेते है और मुझे व्यक्तिगत तौर पर यह लगता है कि कॅरोना से मृतकों में बहुतायत की मौत का कारण भी यही है??
तमिलनाडु में बनी नई सरकार के मुखिया स्टालिन ने शपथ लेते ही शासकीय व निजी सभी अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों के निःशुल्क इलाज के आदेश दिए है कुछ दिन पूर्व आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने भी इसी तरह के आदेश जारी किए है जिससे पीड़ितों ने राहत की सांस ली हैं क्योंकि निजी अस्पतालों की लूट के चलते ही अधिकांश कोरोना प्रभावित व उनके परिवार भी मॉनसिक रूप से परेशान थे।जिन्होंने अब राहत की सांस ली है। उक्त बातें रखते हुवे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के कबीरधाम जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी ने भी मुख्यमंत्री भुपेश बघेल का इस समाचार के माध्यम से ध्यान आकृष्ट कर छत्तीसगढ़ में भी सभी शासकीय संग निजी अस्पतालों में भी कोरोना पीड़ितों का निःशुल्क इलाज किये जाने की मांग रखी है।