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क्या ऐसी होती है “प्रेस की स्वतंत्रता”पत्रकारों के जीवन पर समर्पित – लेखक अभिताब नामदेव Is this how “freedom of the press” is dedicated to the lives of journalists – writer Abhinab Namdev

हमे हमारा हक तक नही मिल पा रहा है ,4 था स्तंभ का कोई मतलब नही रहा ,सरकार व नेता बस हमे बस उपयोग करने में लगे है – अभिताब नामदेव

 

वजह एक है हम में एकता की कमी

जिसकी वजह से कुछ स्वार्थी लोग हमारा ही उपयोग कर रहे है।
समझने सोचने चिंतन की जरूरत है एक सच्चे पत्रकार होने के नाते, मैं खुद अपना अनुभव शेयर कर रहा हु,जिसकी सत्यता पर आप खुद सोचे विचार करे ,कही ना कही एक पत्रकार बनकर हम दूसरो की समस्या के लिए एक होकर लड़ते है उनकी आवाज को उचित जगह पर पहुचाते है , तब कही जाकर पीड़ित को सही न्याय मिल पाता है , किसी को फेमस करना ,किसी फेमस को बेनकाब करने में उसका सच को आम जनता तक पहुंचने में प्रेस मीडिया के साथी निस्वार्थ कार्य दिन रात करते रहते है, हमको सरकार सिस्टम कुछ भी सुविधा के नाम पर कुछ भी नही दिया जाता है, जबकि सरकारी तनख्वाह पर काम करने वाले ही योध्या ,दयावान, सच्चे सेवक के नाम से जाने जाते है।

 

ये कैसी स्वतंत्रता दिवस है

जिसमे आप सरकार की लिखे को ही कॉपी पेस्ट करते है रोज सरकार पत्रकारों को अपना पक्ष का खबर अपनी तारीफ ही ज्यादा भेजती है,जिसको हमलोग तुरंत जन जन तक भेज देते है,,जबकि दूसरा पक्ष को अगर हम देखे तो खबर में कभी कभी सब कुछ भी सही नहीं होता है, एक के साथ न्याय करके सरकार अपनी पीठ थपथवाती है तो हजार लोग उसी काम के लिए भटकते नजर आते है, अब पत्रकार को खुद ही आंकलन करना जरूरी होगा।
और हम जिसका खबर लगते है वो नेता के यही अनमोल वचन होते है मेरे लायक कोई भी कार्य हो एक बार बस बोल देना, अगर उसकी सत्ता नही हो या छीन गई हो तो यही कहेगा मेरा खबर को आप लगाते रहिए बस मेरा सरकार बन जाए फिर आपको बोलना नहीं पड़ेगा हर प्रकार की सहयोग करूंगा,चुनाव आया भईया जी झट से चुनाव जीत गए।
इसके बाद शुरू होता है पार्टीवाद,जातिवाद, पैसा वाद
आप कौन है अब

जब दूसरा पत्रकार भी तो है अब ना,, जो उनकी मीठी बातों में आकर उनको हीरो बनाएगा,,किसी को परखना हो तो जरूर देख लीजिएगा

कब तक हमारी महत्व को अनदेखा करोगे

आज के प्रेस दिवस के अवसर पर सरकार सिस्टम से मेरा कहना है ,आप व आपकी सरकार कब तक एक पत्रकार की निस्वार्थ सेवा का अनदेखा करोगे।
कब तक अवसर में ही याद करोगे।
जिस दिन भी आपको या आपकी पार्टी के ऊपर मुसीबत आए उसी दिन अपना दुखड़ा सुनाने प्रेस कांफ्रेंस बुलावोगे, हम पत्रकार वैसे भी किसी सम्मान के भूखे तो है ही नही बस बुलाए कोई भी हम पहुंच जायेगे।

 

और पत्रकार भाईयो से विनम्र निवेदन

अपनी गरिमा अपने कलम लेख की ताकत को पहचानो , आप हम सभी का भी तो परिवार है ,अचानक आपको कुछ हो जाता है तो कौन सा पेंशन देगी आपके परिवार को सरकार ,और नेता मदद करेगा____?

अपने अपने जगह एकता व संगठित रहना होगा

हम और आप अपनी अपनी संगठन को मजबूत करो। अपने किसी साथी के तकलीफ में कुछ कर सकते हो तो करो,नही तो विरोध करो,सरकार सिस्टम से लड़कर अगर उनके साथ अगर अन्याय हुआ तो, इसी तरह अभी कई साथी इस कोरोना में हमसे बिछड़ गए उनका भी तो परिवार हमारे आप जैसे होंगे ,क्या बीत रही होगी एक बार जरूर विचार करे यह विचार दूसरो के लिए नही खुद के लिए करे।

आज प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर अपनी बात रखा हु किसी को बुरा लगा हो तो ,में कुछ भी नही कर सकता ,परंतु सच्चाई लिखूंगा ही।

सभी मेरे साथियों को बधाई 

 

मेरे प्यारे साथियों “विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस ” की बधाई शुभकामनाए सहित निवेदन है जाग जाइए-अभिताब नामदेव

संपादक- सबका संदेश
जिलाध्यक्ष- श्रमजीवी पत्रकार संघ
कबीरधाम छत्तीसगढ़ 491995
मोबाइल 9425569117

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