आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा ” मधुकर की कलम से…आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा “मधुकर की कलम से …
“आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा ” मधुकर की कलम से…
कविता “आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा”
आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा
वहाँ की खिली-खिली वादियों को,
निरन्तर झर- झर बहते झरनों को,
वहां की संस्कृति और भाषाओं को,
लहलहाती फसलों और बागानों को,
चहचहाती चिड़ियों और बालाओं को,
मैं अपनी आंखों में कैद कर लूंगा।
आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा।।
श्रीनगर की रूमानी विशेषताओं को,
घूमते फिरते पर्यटकों की आदाओं को,
घाटी के फूलों की खुशबुओं को,
कश्मीर के महकते केसर की हवाओं को,
मैं अपनी साँसों में भर लूंगा।
आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा।।
जम्मू में हिन्दू, कश्मीर में मुस्लिम और
लद्दाख में बौद्धों की सभ्यताओं को,
सिन्धु, झेलम और रावी नदी की लहरों को,
आजाद कश्मीर की वैचारिक निकटताओं को,
मैं अपने जीवन मे आत्मसात करूँगा।
आजाद कश्मीर की यात्रा करूँगा।।
के पी मधुकर
एम ए हिंदी,एम लिब.