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एक ने मुसोलिनी के शव पर लात जमाई तो दूसरे ने थूका, एक महिला ने पेशाब कर दीीएक ने मुसोलिनी के शव पर लात जमाई तो दूसरे ने थूका, एक महिला ने पेशाब कर दी One kicked Mussolini’s body and the other spit, a woman urinated.

76 साल पहले आज ही का दिन था यानि 28 अप्रैल 1945. इटली के तानाशाह बेनितो मुसोलिनी की आज हत्या कर दी गई थी. वो मुसोलिनी जिससे इटली तो क्या बल्कि पूरा यूरोप डरता था. मुसोलिनी के साथ उनकी प्रेमिका क्लारेटा पेटाची को भी उसके साथ गोली मारकर खत्म कर दिया गया.

मुसोलिनी के दिन खराब चल रहे थे. अमेरिका और मित्रसेनाओं ने उसे घेर लिया था. उसका अंत करीब तय था. ऐसे में बचने के लिए स्विट्जरलैंड की ओर भाग रहा था, तभी उसे पकड़ लिया गया. उसने पहचान छिपाने की कोशिश की लेकिन लोगों ने उसे पहचान ही लिया.

जिन सैन्य टुकड़ी ने उसे पकड़ा था, वो उसके विरोधी कहे जाते थे, जिन्हें पार्टीजन भी कहा जाता था. मुसोलिनी के साथ कई लोगों को पूरा दल था. उन्हें पकड़ा गया और एक दिन बाद लाइन से खड़ा करके गोलियों से उड़ा दिया. अगले दिन उन सभी के शव मिलान शहर में चौराहे पर फेंक दिए गए.

मुसोलिनी कभी इटली का बहुत ताकतवर तानाशाह शासक था. उसने अपने देश में बहुत हत्याएं कराईं. यूरोप के देशों में उसका आतंक था.

एक महिला ने शव पर 05 गोलियां उतार दीं 

 

इसके बाद ये खबर बहुत तेजी से इटली और दुनियाभर में फैलने लगी. भीड़ मुसोलिनी और उसके दूसरे साथियों के शवों के पास जुटने लगी. ज्यादातर लोग तानाशाह का अंत होने पर खुशियां मना रहे थे. तभी एक महिला वहां आई. उसने पिस्तौल निकाली और एक के बाद एक 05 गोलियां मुसोलिनी के मृतक देह पर उतार दीं. इसके बाद उसने कहा, मैने अपने 05 बच्चों की मौत का बदला ले लिया है.

मुसोलिनी के शव पर पेशाब की गई
एक और महिला ने मुसोलिनी के मुंह पर पेशाब कर दिया. एक अन्य उसके शव को चाबुक से पीटने लगी. भीड़ अपने अपने तरीके से शव पर अपना गुस्सा उतारती रही.

इस पूरे दृश्य का विवरण लूसियानो गैरिबाल्डी ने किताब ‘मुसोलिनी द सीक्रेट ऑफ़ हिज़ डेथ ‘ में किया था. भीड़ इतनी नाराज थी कि वो मुसोलिनी, उसकी प्रेमिका और अन्य साथियों के शवों पर चढ़ गए. उन्हें कुचलने लगे.

जिसने सलामी देने की कोशिश उसे गोली मार दी गई
जब तभी फासिस्ट पार्टी के एक सदस्य ने वहां दिखाते हुए तानाशाह को सलामी देने की कोशिश की तो भीड़ उसे पकड़कर उसकी पीठ पर गोली मार दी.

 

मुसोलिनी का अंत देखने के बाद हिटलर इस बात के लिए प्रेरित हुआ कि वो समर्पण करने की बजाए खुदकुशी करके जान दे देगा.

इस पूरे दृश्य के बारे में रिपोर्ट छापी. इसमें लिखा गया कि कैसे एक शख्स सभी शवों पर से चढ़ते हुए आया. फिर उसने तानाशाह के गंजे सिर लात जमा दी. किसी बंदूक की बट से उस पर प्रहार किया. लोग उस पर थूक रहे थे और लानत भेज रहे थे.

दोपहर 1 बजे अमेरिकी सैनिकों के हस्तक्षेप के बाद मुसोलिनी के शव का पोस्टमार्टम हुआ. उसे चार गोलियां मारी गईं थी, जिसके चलते उसकी जान गई थी. मुसोलिनी के शव को मिलान में दफना दिया गया तो दिमाग को वाशिंगटन परीक्षण के लिए भेज दिया गया.

समर्पण से मना कर दिया था मुसोलिनी ने
दरअसल अप्रैल के तीसरे हफ्ते तक मुसोलिनी का अंत करीब आ गया था. अमेरिका और मित्र देशों की सेनाओं ने उसे घेरना शुरू कर दिया. अब मुसोलिनी के सामने यही चारा था कि वो कहीं शरण ले या आत्मसमर्पण कर दे. कुछ लातिनी देशों ने उसे शरण देने की पेशकश की थी लेकिन उसने मना कर दिया. आत्मसमर्पण भी उसके शब्दकोष में नहीं था.

आस्ट्रिया की ओर जाने की फिराक में था
जब मुसोलिनी खुद को बचाते हुए अपने दल के साथ स्विट्जरलैंड की ओर बढ़ रहा था. तब माना जा रहा था कि वो दरअसल स्विट्जरलैंड नहीं बल्कि नाजियों के नियंत्रण वाले आस्ट्रिया की ओर जाना चाह रहा था. भागते हुए मुसोलिनी के काफिले को 27 अप्रैल को पार्टीजन ब्रिगेड के सैनिकों ने रोका. हालांकि वहां भी मुसोलिनी ने चकमा देने की कोशिश की लेकिन आगे इस काफिले को जब दोबारा रोका गया तो मुसोलिनी को पहचान लिया गया.

इसीलिए हिटलर ने आत्महत्या की
रात भर उन्हें एक फार्महाउस पर रखा गया. अगले दिन उन्हें गोली मार दी गई. कहा जाता है कि आखिरी समय में जिस तरह मुसोलिनी के साथ बदसलूकी हुई, उसी के चलते हिटलर आत्महत्या करने के लिए प्रेरित हुआ.

 

 

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