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अगर सूंघने की क्षमता में कमी हो,तो जाने क्यों ,और क्या है घरेलू उपाय अगर सूंघने की क्षमता में कमी हो, तो जाने क्यों, और क्या घरेलू उपाय है

कोविड-19 के लक्षण दूसरी लहर में और ज्यादा हो गए हैं. लेकिन इसमें से सूंघने की क्षमता खोना शुरू से जुड़ा लक्षण है. सूंघने की क्षमता पर काम करने वाले कुछ विशेषज्ञ उसे वापस हासिल करने के लिए स्ट्राइड की सलाह दे रहे हैं. अब हाल ही में कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इसे फिर से हासिल करने के लिए मरीजों को सुगंध सूंघकर अपनी नाक को दोबारा प्रशिक्षित करना चाहिए.

👉जल्द ही हासिल की जा सकती है यह क्षमता

वैसे तो कोरोना वायरस का प्रभाव खत्म होने पर लक्षणों से मुक्ति मिल जाती है, लेकिन फिर सूंघने की पूरी क्षमता जल्दी वापस नहीं आती है. इसमें महीनों का समय भी लग सकता है. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मरीज दिन में दो बार चार अलग तरह की खुशबुओं को सूंघने का अभ्यास करे तो वह अपनी सूंघने की शक्ति को फिर से बिना किसी दुष्प्रभाव के हासिल कर सकता है.

👉सिर्फ यह नहीं होना चाहिए यह पहला विकल्प

ये अनुशंसाएं व्यवस्थित प्रमाण आधारित समीक्षा के आधार पर दिए गए हैं जिसमें यह माना गया है कि कोर्टिसोस्ट्राइड्स सूंघने की क्षमता वापस हासिल करने के लिए पहला विकल्प कतई नहीं होना चाहिए. यह अध्ययन इंटरनेशलन फोरम ऑफ एलर्जी एंड रिनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है.
कोर्टिसोस्ट्राइड्स जैसी दवाओं को आम तरह जली हुई नाक जैसे मामलो में सुझाया जाता है. लेकिन कोविड-19 में इन लक्षणों की वजह से सूंघने की क्षमता नहीं जाती, इसलिए इनके कारगर होने की संभावना कम ही होती है. दूसरी तरह सूंघने का प्रशिक्षण वायरल संक्रमण के बाद यह क्षमता हासिल करने का अब तक का सबसे प्रमाणित तरीका माना गया है.

👉यही प्रमाणिक इलाज माना जा रहा है

इस अध्ययन में काम करने वाले विशेषज्ञों के समूह ने लिखा है कि वे इस बात पर बहुत जोर देते हैं कि सूंघने के प्रशिक्षण पर प्राथमिक तौर पर विचार किया जाए. सूंघने के प्रशिक्षण पर किसी तरह के ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं. इसके लिए फिलहाल इस समस्या का यही उपलब्ध प्रमाणिक इलाज है.

👉दूसरे संक्रमणों में भी रामबाण की तरह रहा है

कोविड-19 की वजह से सूंघने की शक्ति खोना के ले स्ट्रॉइड और सूंघने के प्रशिक्षण की तुलना करना बहुत मुश्किल है क्योंकि अभी तक ऐसा किसी भी व्यवस्थित अध्ययन से नहीं किया गया है. सूंघने का प्रशिक्षण पिछले कुछ समय से चलन में हैं लेकिन इसे दूसरे संक्रमणों की वजह से सूंघने की क्षमता खोने के मामलों में सफलता के साथ उपयोग किया गया है.

👉आज के समय में सबसे ज्यादा जरूरत

2020 में हुए एक अध्ययन में सूंघने की क्षमता खोने के इलाजों में से सूंघने के प्रशिक्षण सबसे कारगर तरीका माना गया था. आज इसे आजमाने की सबसे ज्यादा जरूरत है क्योंकि 60 प्रतिशत कोविड-19 मरीजो में सूंघने की क्षमता में गड़बड़ी पाई जा रही है जबकि 10 प्रतिशत में यह लंबे समय, कुछ हफ्तों से महीनों तक बनी रहती है.

👉फायदा भी दिख रहा

और इसका फायदा भी दिख रहा है. 2021 के शुरुआत में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि हजार से ज्यादा मरीजों के एक समूह में इस प्रशिक्षण का 95 प्रतिशत तक फायदा हुआ और मरीजों ने छह महीने में ही अपनी सूंघने की क्षमता हासिल कर ली थी. इसमें लोगों को रोजना दो प्रशिक्षण सत्र लेने की सलाह दी गई थी. फिलहाल विशेषज्ञ सूंघने के प्रशिक्षण को 12 सप्ताह के लिए अपनाने की सलाह दे रहे हैं.

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