रेफ़र पर्ची में कोरोना पॉजिटिव लिखने की वजह से मासूम की इलाज के अभाव में मौत

शुरुवात में बच्ची की रिपोर्ट पॉजिटिव बता कर दुर्ग जिला अस्पताल से रायपुर के जिला अस्पताल पंडरी रिफर किया गया, इलाज के अभाव में हुई 2 माह की मासूम की मौत, अंतिम संस्कार होने के बाद मोबाइल में आई बच्ची की रिपोर्ट कोरोना नेगेटिव, उभर कर आई स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही
दुर्ग :- वैश्विक महामारी कोरोना काल मे छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल है आये दिन हो रही लापरवाही की शिकायत किसी से छुपी नहीं है, लेकिन आज जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही के चलते एक 2 माह की मासूम ने इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर लगाते अपने मामा के सामने दम तोड़ दिया । आपको बता दें कि 2 माह की बच्ची रूही को सिर्फ बुखार और दस्त की शिकायत थी, पूरा एक दिन अस्पतालों के चक्कर काटकर रात में जिला अस्पताल दुर्ग लाने पर प्राम्भिक जांच में डॉक्टरों द्वारा कोरोना जांच कर रिपोर्ट को पॉजिटिव बता दिया गया । आज अस्पतालों की स्थिति शासन और प्रशासन ने मिलकर ऐसी बना दी है कि आपको कितनी भी तकलीफ क्यों ना हो जाए आप मर ही क्यों ना जाओ लेकिन बिना कोविड टेस्ट के आपका इलाज शुरू होना संभव ही नहीं है !
बहरहाल इलाज दौरान मासूम की स्थिति नही सुधरने पर दुर्ग में बच्चों के लिए वेंटिलेटर न होने की बात कहकर बच्ची के परिजनों को रायपुर जिला अस्पताल पंडरी रिफर बना दिया गया और रेफर पर्ची में कोविड पॉजिटिव लिख दिया गया । रायपुर के पंडरी जिला अस्पताल पहुचने के बाद लगभग 1 घंटे की मशक्कत करने पर डॉक्टर से मुलाकात हुई, लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से अस्पताल में वेंटिलेटर देने से मना करते हुए, उन्होंने भी मेकाहारा रायपुर जाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया । परिजन जब बच्ची को लेकर मेकाहारा अस्पताल पहुचे तो उन्होंने अस्पताल वाले एप्प के माध्यम से बेड चेक करने की बात कहकर अपने कंप्यूटर में व्यस्त हो गए और दूसरी तरफ बच्ची की टूटती साँसों को लेकर प्रारंभिक उपचार शुरू करने की परिजन मिन्नतें करते रहे, रोते बिलखते रहे, लेकिन उनकी किसी ने एक नहीं सुनी, और जब बच्ची को प्रारंभिक उपचार करने डॉक्टर तैयार हुए तब तक देर हो चुकी थी, एम्बुलेंस में ही बच्ची रुही ने दम तोड़ दिया । हद तो तब हो गई जब बच्ची की मौत पर रोते बिलखते परिजनों को एम्बुलेंस वाले ने भी मासूम के शव को निजी वाहन से दुर्ग ले जाने की बात कहकर वहा से एम्बुलेंस लेकर चलता बना, बहरहाल परिजनों ने किसी तरह बच्ची को दुर्ग लाया और उसका अंतिम संस्कार की क्रिया को पूरा किया, लेकिन अंतिम संस्कार के 4 घंटे के बाद मोबाइल पर बच्ची रुही की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई । उसको देखकर परिजनों ने माथा घूम गया, क्योकि बच्ची को प्राथमिक उपचार नहीं मिलने की सबसे बड़ी वजह उसकी रिफर पर्ची पर कोरोना पॉजिटिव लिखा होना था, अब तो ये साफ़ हो गया कि दुर्ग जिला स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते मासूम की जान चली गई ।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर परिजन आज सिटी कोतवाली थाने दुर्ग पहुचे जहा उन्होंने थाना प्रभारी से जांच किये जाने की मांग को लेकर शिकायत आवेदन जमा कराया, इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समक्ष पहुचकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई । पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही करने की बात कही गयी, वही परिजनों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी गंभीर सिंह ठाकुर ने भी मामले में दस्तावेजों का अवलोकन करते हुए स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को स्वीकार किया और जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का आश्वासन भी दिया है । अब देखना यह होगा कि इस पुरे मामले में दोषियों पर क्या कार्यवाही होती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलता है या ऐसे गंभीर मुद्दों पर भी लीपापोती होती है !