भारत हमारे लिए मौजूद था, हम उनके लिए खड़े रहेंगे, PM मोदी से चर्चा के बाद बोले बाइडन India was present for us, we will stand for them, after the discussion with PM Modi, Biden said
वॉशिंगटन. भारत-अमेरिका (India-US) के राष्ट्र प्रमुखों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और राष्ट्रपति जो बाइडन (President Joe Biden) के बीच सोमवार को चर्चा हुई. फोन पर हुई बातचीत के बाद बाइडन ने कोरोना संक्रमण के इस मुश्किल वक्त में भारत की मदद करने की बात कही है. उन्होंने कहा कि जरूरत के वक्त भारत अमेरिकियों के लिए मौजूद था और इस संकट में अमेरिका भी उसके साथ खड़ा रहेगा. इस चर्चा के बाद बाइडन प्रशासन भारत को कोविड-19 महामारी के खिलाफ जंग में मदद देने की तैयारी शुरू कर दी है.
व्हाइट हाउस की तरफ से भारत को ऑक्सीजन सप्लाई, कोविड-19 वैक्सीन के लिए कच्चा माल की मदद दी जाने की तैयारी है. इसके अलावा अमेरिका पीपीई किट्स और जरूरी दवाएं भी मुहैया कराएगा. फोन पर बातचीत के बाद बाइडन ने ट्वीट किया ‘आज मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और कोविड-19 के खिलाफ जंग में आपातकालीन सहायता और संसाधन प्रदान करने के लिए अमेरिका के पूर्ण समर्थन का वादा किया. भारत हमारे लिए खड़ा था और हम उनके लिए खड़े रहेंगे.’
बाइडन के अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद दोनों राष्ट्र प्रमुखों के बीच फोन पर दूसरी बार बात हुई है. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच बातचीत करीब 45 मिनट तक चली. भारत के निवेदन के बाद अमेरिका ऑक्सीजन संबंधी सप्लाई को लेकर संभावनाएं तलाश रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने ऐसी सात जरूरी चीजों की सूची जमा की है, जिसकी देश को सबसे ज्यादा जरूरत है. इनमें ऑक्सीजन कंसनट्रेटर्स, 10 और 45 लीटर की क्षमता वाले ऑक्सीजन सिलेंडर्स, ऑक्सीजन जनरेटर्स, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स, रेमडेसिविर, faviprivir, और tocilizumab का नाम शामिल है.
उधर पीएम मोदी ने इस बातचीत के बाद ट्वीट कर बताया, ‘अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बहुत ही सार्थक बात हुई. हमने दोनों देशों में कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. भारत को सहयोग के लिए मैंने राष्ट्रपति बाइडन का धन्यवाद किया.’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन से मेरी चर्चा में टीका संबंधी कच्चे माल और दवाओं की सुचारू आपूर्ति श्रृंखला की महत्ता को भी रेखांकित किया गया. भारत-अमेरिका के बीच स्वास्थ्य देखभाल सहयोग विश्व की कोविड-19 की चुनौतियों का समाधान कर सकता है.’