विश्रामपुरी सुलेमान हत्याकांड पर पुलिस की कार्यवाही पर कई सवालिया निशान – कृष्ण कुमार ध्रुव
के शशिधरण
केशकाल @ अनसुलझे रहस्य हत्या के प्रकरण के सुलेमान आयु लगभग 66 वर्ष दिनांक 26 जुलाई 2012 दिन गुरूवार समय लगभग 6 बजे संध्या सायकल में सवार छतरी लेकर लिहागांव की ओर निकले थे । वे रात को नही लौटे तो उनके परिजनों को चिन्ता होने लगी और उन्हें ढूढने निकले जब वे परिजनों को नहीं मिले तो परिजनों ने पुलिस थाना विश्रामपुरी में रिपोर्ट कर दिया । परिजनों को किसी से यह ज्ञात हुआ कि नौकाबेड़ा नदी में एक बोरी बहता हुआ दिखाई दिया है जिसमें से किसी मनुष्य का हाथ निकला हुआ है । परिजनों को ज्ञात होने एवं स्थल तक पहुंचने के बीच वह बोरी बहता हुआ चरकई पहुंच चुका था । दिनांक 2 अगस्त 2012 दिन गुरूवार चरकई नदी से वह बोरी निकाली गई। बोरी में एक मनुष्य का शव बांध कर रखा गया था । सुलेमान के परिजनों ने शव की पहचान की । शव सूलेमान की थी । ग्राम चरकई थाना फरसगांव के अन्तर्गत आता है , शवोच्छेदन पश्चात शव का परीक्षण फरसगांव के चिकित्सक ने किया । तत्पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया गया। अपेक्षित जांच के अभाव से दुखी होकर परिजनों ने घटना के लगभग 3 माह के बाद जिला के पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचे ।चर्चा में पुलिस अधीक्षक द्वारा कहा गया कि पुलिस अपना काम कर रही है । आप लोगों को किस पर संदेह है , यह बताओं । परिजन किसी पर संदेह व्यक्त नहीं कर सके । उस समय से लेकर आज पर्यन्त पुलिस अपना काम कर रही है किन्तु सुलेमान के हत्यारों तक कानून के लम्बे हाथ नहीं पहुंच सके हैं। बारिश का मौसम था, बारिश के दिनों में रात भी जल्दी घिर आती है । बारिश के उस दिन व समय हल्की बारिश हो रही थी । दो काले व्यक्ति सुलेमान के पास बाये और एक पर्ची दिया । सुलेमान पर्ची मिलते ही गंतव्य की ओर जाने हेतु उद्यत हुए जाने के समय उनकी नातीन भी साथ चलने के लिए जिद करने लगी किन्तु सांझ घिरने लगा था । ऐसे में नातीन को ले जाना नहीं हो सका । अकेले किसी से सायकल मांग कर सायकल में सवार छतरी लेकर लिहागांव की ओर निकल पड़े लिहा गांव विश्रामपुरी से 10 कि0मी0 पर स्थित है लिहागांव से बालेंगा लगभग 5 कि0मी0 है । दिनांक 26 जुलाई 2012 को दिन गुरूवार था और गुरूवार को बालेंगा का साप्ताहिक बाजार का दिन था जहां सुलेमान का छोटा भाई का पु़त्र भी बाजार व्यापार करने जाता है वह रात्रि को लगभग साढ़े सात बजे लौटा तो परिजनों के पूछे जाने पर उसने बताया कि रास्ते में वह सुलेमान को नहीं देखा ।
आशंका जतायी जाती है कि शव को लिहागांव में बने पूल पर से फेका गया होगा ज्ञात हो कि लिहागांव, नौकाबेड़ा एवं चरकई यह तीनों ग्राम एक ही नदी के तट पर स्थित हैं तथा नदी का उदगम उड़ीसा से है किन्तु विश्रामपुरी के बांध के निकट तक ही सुलेमान को अन्तिम बार देखा गया । उसी बांध के निकट सायकल भी मिल गई । ज्ञात हो कि इस के निकट बहने वाली नदी , लिहागांव से होते हुए बहने वाली नदी से आमगांव के निकट मिलती है। जिस प्रकार से शव को बोरी में बांधा गया था उससें भी पुलिस को हत्यारों तक पहुंचने में सहायता मिल सकती है बताया जाता है कि प्रारम्भ में पुलिस के द्वारा कुछ जनों से पूछताछ की जा रही थी कि अचानक जांच बंद कर दी गई ।हत्या जैसे गंभीर अपराध का प्रकरण की जांच का अचानक जांच बंद हो जाना अत्यन्त ही आश्चर्य जनक है। हत्या जैसे गंभीर अपराध का प्रकरण लम्बित पड़ा रहना अत्यन्त ही दुर्भाग्यजनक है , पुलिस को इस ओर शीघ्रातिशीघ्र ध्यान देना चाहिए ।
उपरोक्त आरोप तथा पुनः प्रकरण को जांच की मांग करते हुए भूतपूर्व विधायक श्री कृष्ण कुमार ध्रुव केशकाल ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में उपरोक्त आरोप लगाया है। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त स्वर्गीय सुलेमान आडवानी ब्लैंक मर्डर मामले पर गत वर्ष 2020 में श्री भूपेंद्र साहू तत्कालीन थाना प्रभारी थाना विश्रामपुरी से हमारे प्रतिनिधि द्वारा जानकारी लेने पर बताया कि सुलेमान मर्डर मामले में पर्याप्त साक्ष्य की अभाव में जांच प्रक्रिया बंद करते हुए फाइल को बंद किया है लेकिन सवाल इस बात की चर्चा जोरों पर है कि हत्या जैसे संगीन अपराध पर पुलिस की निष्क्रियता से हत्यारा तक पहुंचने में विफलता के चलते फाइल को बंद किया गया है ऐसे कई गंभीर मामले पर संबंधित थाना में मामला कायम होने के बाद भी अज्ञात दोषियों तक पुलिस नहीं पहुंच रही है।