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ऑक्सीजन की कमी के इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज, इन उपायों पर दें विशेष ध्‍यान Do not ignore these symptoms of oxygen deficiency, pay special attention to these measures

देश में कोरोना (Corona) संक्रमित मरीजों की संख्‍या में तेजी से इजाफा हो रहा है. कोरोना का नया स्‍ट्रेन (Corona Strain) पहले से काफी खतरनाक साबित हो रहा है. कोरोना के नया स्‍ट्रेन फेफड़ों (Lungs) पर सीधा हमला कर रहा है और मरीज को अक्सीजन लेवलकाफी कम हो जा रहा है. कोरोना सीधे तौर पर फेफड़ों और श्‍वसन प्रक्रिया को प्रभावित करता है इसलिए शरीर में अधिक से अधिक ऑक्‍सीजन की जरूरत होती है. कोवीड 19 के संक्रमण के कारण शरीर में हुई ऑक्‍सीजन की कमी के गंभीर परिणाम सामने आते हैं. कोविड रोगी व उसकी देखभाल करने वालों को इस बात पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है कि मरीज का ऑक्‍सीजन लेवल कम न होने पाए. कई ऐसे कोविड मरीज जो गंभीर नहीं हैं उनके लिए अपने शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बनाए रखना बेहद जरूरी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक एक स्वस्थ्य व सामान्य इंसान में ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 95 से 100 प्रतिशत के बीच होना चाहिए.बता दें कि शरीर में खून में मौजूद हीमोग्‍लोबिन ऑक्‍सीजन का वाहक होता है. ये पूरे शरीर को ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है. शरीर में ऑक्सीजन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करती है. ऑक्सीजन की कमी के कारण थकान महसूस होती है व सांस फूलने लगती है.ऑक्‍सीजन की कमी के कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ा जाता है. यहीं नहीं ऑक्‍सीजन की कमी से ब्रेन हैमरेज व हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. मधुमेह रोगियों में ऑक्सीजन की कमी के कारण रक्त में शुगर अचानक बढ़ जाता है जो जानलेवा होता है. ऑक्सीजन की कमी से थायरॉइड हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है.

ऑक्सीजन की कमी के इन लक्षणों का रखें ध्यान
– सांस लेने में कठिनाई
– सांस फूलने लगना
– थकान महसूस होना

भ्रम की स्थिति,
-होठों व चेहरे का रंग नीला पड़ना
– सीने में दर्द या जलन होना
– चलने व उठने में समस्या

शरीर में ऑक्सीजन लेवल को कैसे बढ़ाया जा सकता है
अगर किसी भी मरीज को ऐसा लगता है कि उसका ऑक्‍सीजन लेवल कम हो रहा है तो उसे बेड या जमीन पर पेट के बल सोने के लिए कहा जाता है. इसे प्रोन पॉजिशिनिंग कहा जाता है. पेट के बल लेटने से ऑक्‍सीजन लेवल तेजी से बढ़ता है. इस पॉजिशन में मरीज का पेट बिस्तर पर और पीठ ऊपर रहना चाहिए. इससे फेफड़े तेजी से काम करने लगते हैं और सांस लेने में राहत मिलती है.

– ऑक्‍सीजन लेने में परेशानी होने पर पेट के बल सामने की तरफ लेट जाएं
– सर, कमर, कुल्हे व पैरों के नीचे कई तकिया रखें
– सुनिश्चित करें कि आपका सर आरामदायक स्थिति में हो
– एक से दो घंटे में अपने पॉजिशन को बदल लें
– समय-समय पर ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहें

 

 

 

 

 

 

 

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