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मायस्थेनिया ग्रेविस की समस्या और सीटी स्कोर 25 में 22, फिर भी हुआ कमाल, Myasthenia gravis problem and CT score 22 in 25, still amazing

मरीज को स्वस्थ कर घर भेजा शंकराचार्य हॉस्पिटल की मेडिकल टीम ने, यह कड़ी चुनौती थी मरीज के स्वस्थ होने पर हॉस्पिटल स्टाफ भी बेहद खुश
दुर्ग / आज शंकराचार्य कोविड हॉस्पिटल के चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ के कड़ी मेहनत से जटिल केस को भी हल करने में बड़ी सफलता हासिल हुई। मायस्थेनिया ग्रेविस से पीड़ित एवं सीटी स्कोर  22 वाले पेशेंट को सफलतापूर्वक उपचारित कर घर भेजा गया है। 1 हफ्ते पहले जब सुपेला निवासी 52 वर्षीय श्री विभास पंडित शंकराचार्य हॉस्पिटल आए थे तब उनका सीटी स्कोर 25 में 22 था, एक तरह से यह काफी जोखिम भरा सीटी स्कोर था। इसके साथ ही उन्हें मायस्थेनिया ग्रेविस की भी समस्या थी। इन दोनों विपरीत परिस्थितियों के बावजूद शंकराचार्य कोविड हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने हिम्मत नहीं हारी ट्रीटमेंट आरंभ किया और एक हफ्ते बाद बहुत ही सुखद परिणाम आया है। श्री पंडित पूरी तरह स्वस्थ हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए अस्पताल की प्रभारी डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि  श्री पंडित के स्वस्थ होने पर शंकराचार्य के पूरे स्टाफ को खुशी हुई है यह बड़ी उपलब्धि हॉस्पिटल की है। उन्होंने बताया कि मायस्थेनिया ग्रेविस मांसपेशियों से संबंधित समस्या होती है, इसके साथ ही इनका सीटी स्कोर भी काफी ज्यादा था और यह 25 में 22 था। श्री पंडित जब हॉस्पिटल में आए तो उन उनके टेस्ट रिपोर्ट आए 4 दिन हो चुके थे और इस तरह संक्रमण काफी फैल चुका था। इसकी वजह से उनका ट्रीटमेंट एक बड़ी चुनौती था, फिर भी शंकराचार्य कोविड केयर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बड़ी मेहनत से इस कार्य को अंजाम दिया। उनके लिए मेडिसिन विशेष रूप से प्लान किया गया लगातार उनके वाइटल एलिमेंट्स पर नजर रखी गई और धीरे-धीरे वह कोविड से बाहर आ गए। उनके स्वस्थ होने पर पूरे अस्पताल प्रबंधन को बहुत खुशी है। डॉ. सावंत ने बताया कि आज ही कबीर आश्रम के एक महंत 75 वर्षीय बुजुर्ग भी शंकराचार्य हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हुए हैं। डॉ. सावंत ने कहा कि मरीज आरंभिक समय से ही ट्रीटमेंट आरंभ कर करा लें तो उनका जोखिम घट जाता है। उन्होंने बताया कि मरीज को चाहिए कि ऑक्सीजन लेवल थोड़ा भी कम होते ही चिकित्सक से संपर्क करें ताकि हॉस्पिटल में भर्ती होने पर इलाज तुरंत आरम्भ हो जाये।

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