छत्तीसगढ़

आजाद देश के गुलाम पंचायत भडोरा में रबर स्टैंप बनी हुई है महिला सरपंच,इस ग्राम पंचायत भडोरा में कोई भी सरपंच बने सभी चन्द्रा गौटिया परिवार का गुलाम बनकर काम करते हैं Rubber stamp remains in the slave panchayat Bhadora of Azad country, the woman sarpanch, in this gram panchayat Bhadora, all the sarpanch who become a sarpanch, work as a slave of the Chandra Gautia family.

आजाद देश के गुलाम पंचायत भडोरा में रबर स्टैंप बनी हुई है महिला सरपंच,इस ग्राम पंचायत भडोरा में कोई भी सरपंच बने सभी चन्द्रा गौटिया परिवार का गुलाम बनकर काम करते हैं।

महिला सरपंच के स्थान पर सरपंच पति पुत्र व् उनके बॉस चंद्रा गौटिया परिवार देख रहा पंचायत का काम,पुरे पंचायत में एक छोटा सा बच्चा भी बता देगा सरपंची कार्य कौन चला रहा है।

सबका सँदेश
मालखरौदा/महिलाएं सशक्त हो। वह भी घर की चार दिवारी से बाहर निकलें सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यों में बराबरी से शामिल हो,वह भी अपनी सोच के अनुरूप अपने ग्राम विकास के लिए कार्य करें। इसके लिए शासन ने महिलाओं को पंचायती राज में न केवल आरक्षण दिया, बल्कि इस आरक्षण के बूते विभिन्न पंचायतों में महिलाएं सरपंच भी चुनी गई। लेकिन शासन का यह प्रयास मालखरौदा ब्लाक के भडोरा पंचायत में खारिज होता दिखाई दे रहा हैं इस पंचायत की महिला सरपंच रबर स्टैंप ही बनी हुई हैं। यह खुलासा हुआ हैं भूमि एक्सप्रेस न्यूज द्वारा की गई पड़ताल में। ग्राम पंचायत भडोरा का जहाँ की सरपंच एक महिला है जिन्हें पंचायत के क्रिया कलापों की कोई विशेष जानकारी नहीं है लेकिन यहां पंचायत के सभी काम इनका पति और पुष्पेंद्र चंद्रा करता है पंचायत के सभी निर्माण कार्य चन्द्रा गौटिया परिवार के दिशा निर्देश पर संचालित होते हैं लेकिन इनपर कोई कार्यवाही नहीं होती है आपको बता दें पुष्पेन्द्र चन्द्रा और इनके चन्द्रा परिवार के कई लोगो दखल इस भडोरा पंचायत में रहता है, यह चन्द्रा लोग पंचायत के कोई पद में रहे या न रहे पंचायत में इन लोगो की ही दबदबा चलती है यह चंद्रा लोग चन्द्रा समाज के विधायक का भी धौस देते हैं ये अपने आप को ऊची पहुच के होने का दम भरकर दबदबा चलाते हैं इसलिए कोई कार्यवाही नहीं होती और ये खुलकर भ्रस्टाचार करते हैं।

 

बिना कोई नौकरी बन बैठे है एसपी

दिलचस्प है कि बिना कोई नौकरी मिले, बिना कोई चुनाव लड़े सरपंच महिला का पति अब एसपी यानी सरपंच पति कहलाने लगे हैं। यहां तक कि पंचायतों में आने वाले अफसरों को भी वे अपना यहीं परिचय देते हैं।ये सिर्फ यही नही खुद हस्ताक्षर करने की बात कहा जाता है और इनके हिसाब से कार्य नही होता तो सरकारी योजना से ग्रामीणों को लाभ मिलने के बजाय वापस भी कर दिया जाता है और खुलेआम चैलेंज भी करने से भी नही चूकते

जनपद से लेकर जिला तक का काम करता है सरपंचपति पंचायत अधिराज अधिनियम की जम कर उड रही धज्जियां

ग्राम पंचायत भडोरा के महिला सरपंच की जगह उसके पति बिरिछ लाल चौहान ,पुत्र किरण चौहान एवं इनके बॉस पुष्पेंद्र चन्द्रा के द्वारा पंचायत चलाया जा रहा है ग्रामीणो का आरोप है की जनपद पंचायत मालखरौदा के मिटिंग मे सरपंच की जगह सरपंचपति बैठ कर शासकीय कार्यो की जानकारी लेता है इसके साथ ही जिला पंचायत मे भी खुद जाके काम करवाता है जब की पंचायती राज अधिनियम के तहत साफ तौर लिखा है की किसी भी मिटिंग या कार्यो मे जनप्रतिनिधि स्वयं उपस्थिति रहें पर जनपद पंचायत मालखरौदा के जिम्मेदार अधिकारीयो के आंख के सामने शासन के नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है और जिम्मेदार खामोश बैठे हुए है

चेक पर दस्तखत तक करने की जानकारी सूत्रों से मिल रहा है।

ग्राम पंचायत के बैठक़ में महिला सरपंच सिर्फ बैठक़ में मात्र शोभा की वस्तु बने रहते हैं पंचायत का कोई भी निर्णय फैसला महिला सरपंच स्वयं नही ले पाती यु कहें सारे फैसले उनके पति पुत्र या बॉस का ही होता है,मालखरौदा ब्लाक के ग्राम पंचायत भडोरा में महिला सरपंच अंगूठा छाप है हस्ताक्षर भी उनके प्रतिनिधि ही करते हैं।

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