मातृ-शिशु अस्पताल में महिला डॉक्टर नहीं दूसरे शहरों में इलाज कराने जाते हैं मरीज

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- मातृ-शिशु अस्पताल पंडरिया में डॉक्टरों की कमी के कारण अस्पताल में इलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। 50 बिस्तर वाले मातृ-शिशु अस्पताल में बच्चों व महिलाओं के उपचार के लिए विशेषज्ञ नहीं है। इसके बाद भी मातृ-शिशु अस्पताल में स्वीकृत डॉक्टर व कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है। जिससे अस्पताल में मरीजों को इलाज की सुविधाएं नही मिल रही है। करीब डेढ़ साल से अस्पताल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों व स्टाफ के भरोसे संचालित किया जा रहा है।
अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं व बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। करीब साढ़े आठ करोड़ रुपए की लागत से निर्मित मातृ-शिशु अस्पताल में उपचार तो शुरु कर दिया गया है। लेकिन अस्पताल में सामान्य जचकी ही हो पाती है। आॅपरेशन जैसे केस को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। महिला व शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं होने के कारण लोगों को उपचार के लिए कवर्धा, मुंगेली, बिलासपुर शहर जाना पड़ता है। गोविंद रजक, सुरजीत सिंह ने बताया कि शासन द्वारा मातृ-शिशु अस्पताल में महिला विशेषज्ञ व बच्चों के डॉक्टर नही होने के कारण इलाज कराने के लिए मरीजों को दूसरे जिले के शहरों में जाना पड़ता है।
40 पदों में केवल 8 की हुई भर्ती:मातृ-शिशु अस्पताल में डाॅक्टर से लेकर चतुर्थ वर्ग तक के कर्मचारियों को मिलाकर 40 कर्मचारियों का भर्ती किया जाना है। लेकिन अस्पताल में केवल डॉक्टर सहित 8 कर्मचारियों की नियुक्ति हुई है। जिसमें 3 चिकित्सा अधिकारी, 3 स्टाफ नर्स, 1 वार्ड बॉय व एक लेखापाल की नियुक्ति हुई है। एक महिला डॉक्टर व एक शिशु रोग विशेषज्ञ के पद स्वीकृत हैं। दोनों पद खाली हैं। इसी तरह 16 स्टाफ नर्स में केवल 3 की नियुक्ति हुई है। 2ओटी अटेंडर के पद स्वीकृत हैं। दोनों पद खाली हैं। अस्पताल अधीक्षक, निश्चेतना विशेषज्ञ, लैब टेक्नीशियन और भृत्य के एक- एक पद स्वीकृत है। नियुक्ति नही होने से इलाज की सुविधाएं नहीं मिल रही है। मातृ – शिशु अस्पताल में साफ- सफाई व्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रबंधक गंभीर नही है। अस्पताल में भृत्य के पद खाली है। जिसके कारण अस्पताल के नालियों की साफ सफाई नही हो रही है। नालियों की सफाई नही होने से नालियां जाम हो गई है। नालियों में गंदा पानी भरे रहने से बदबू के कारण अस्पताल में भर्ती मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नालियां चोक होने के कारण कई वार्डों में बाथरूम व टॉयलेट का उपयोग नहीं किया जा रहा है। वही टॉयलेट के पाइप व नल टूट गए है। जिसके कारण भर्ती मरीजों को बाहर हैंडपंप में नहाने जाना पड़ता है।
पंडरिया. रखरखाव के अभाव में दीवारों की उखड़ी टाइल्स।
अस्पताल के टॉयलेट में टूटे पाइप व फैली गंदगी।
नियुक्ति शासन स्तर पर की जाती है
सेटअप के अनुसार नियुक्ति शासन स्तर पर की जाती है। वर्तमान में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों व स्टॉप द्वारा इलाज किया जा रहा है। नगर पंचायत चुनाव के बाद नाली के मरम्मत व सफाई के लिए टेंडर निकाला जाएगा और नालियों की सफाई कराई जाएगी। हैंड ओवर करते समय बिजली कनेक्शन, नाली व नल कनेक्शन का नक्शा नहीं लिया गया है। जिसके कारण मरम्मत व सुधार कार्य में दिक्कते आ रही है। नई नाली बनाकर पानी निकालने की व्यवस्था बनाई जाएगी। डाॅ.बीएल राज, बीएमओ पंडरिया
विज्ञापन समाचार हेतु संपर्क करे-9425569117/7580804100


