सन्तो का सत्संग न मिलने के कारण लोगों का गृहस्थ आश्रम नर्क में बदल गया-बाबा उमाकान्त जी महाराज*
*सन्तो का सत्संग न मिलने के कारण लोगों का गृहस्थ आश्रम नर्क में बदल गया-बाबा उमाकान्त जी महाराज*
सबका संदेश
उज्जैन से पधारे वक्त के पूरे सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने 23 मार्च 2021 को आगरा उत्तर प्रदेश में सतसंग सुनाते हुये बताया कि गृहस्थ आश्रम पहले स्वर्ग था। अब नर्क में बदल गया, घर को छोड़कर के लोग भाग रहे हैं, औरतें जहर खा कर मर रही हैं। प्रेमियों! कारण यही है कि संतों का अभाव हो गया, संतो के पास लोगों ने आना-जाना बंद कर दिया।
*कथा, भागवत, प्रवचन तो लोग सुनते रहते है, लेकिन तकलीफें दूर नहीं हो रही*
कथा भागवत प्रवचन तो होता रहता है, लोग सुनते रहते हैं लेकिन उससे तकलीफ नहीं जा रही है। लोगो को मालूम नहीं हो पाता कि तकलीफें कैसे जाएंगी।
*मानव-मंदिर में मुर्दा-मांस डालकर गन्दा कर दिया तो पूजा-इबादत कैसे कबूल होगी*
महाराज जी ने बताया कि मिट्टी और पत्थर का मंदिर बनाते हो, उसमें कोई ले जाए मुर्दा-मांस डाल दे, मस्जिद में कोई ले जाए मुर्दा मांस डाल दे, गुरुद्वारा में ले जाए कोई मुर्दा मांस डाल दे। तो वहां कोई पूजा इबादत करेगा? ग्रंथ का पाठ करेगा? कहते हैं जगह गंदी हो गए, पूजा कबूल नहीं होगी।
*परमात्मा की अंश जीवात्मा इस शरीर में है*
आपको मालूम नहीं है कि ये मनुष्य मंदिर है।भगवान का दर्शन इसमें होता है। भगवान का निवास इसमें है। परमात्मा की अंश जीवात्मा इस शरीर में है। भगवान की प्रार्थना इस शरीर के मुंह से जब बोलते हैं और वह सुनता है तब दया करता है। दया मांगते हैं, दया कर दो, दया कर दो। आपकी आवाज जब वहां पहुंचेगी तब तो दया मिलेगी।
*गन्दी जगह से बैठकर पूजा-इबादत करोगे तो कबूल नहीं होगी*
गंदी जगह की आवाज कोई पसंद नहीं करेगा। आप को समझने की जरूरत है प्रेमियों! जैसे कोई जानवर कहीं मरा पड़ा हुआ हो और उधर से हवा के जरिए कोई बदबू नाक में आवे तो वहां जाना पसंद करोगे? इसीलिए इस शरीर को, इस मानव मंदिर को जबसे लोगों ने गंदा करना शुरू किया, मांस, मदिरा अंडा, मछली डालना शुरू किया तब से यह पूजा-उपासना इसमें से कबूल नहीं होती है। पूजा-पाठ तो बहुत हो रहा है, जप तप हो रहा है। अनुष्ठान भी हो रहा है लेकिन कबूल नहीं हो रहा।
*देवता नाराज खड़े हैं, सजा देने के लिये बचने का उपाय खोज लिजिये*
न समय पर जाड़ा, न समय पर गर्मी और न समय पर बरसात हो रही है। पवन देवता देखो आंधी-तूफान ला दे रहे हैं। मेघ देवता कभी तो टाइट हो जाते हैं, पानी नहीं देते हैं और कभी इतनी बरसात कर देते हैं कि गांव के गांव बह जाते हैं।
आप को समझने की जरूरत है अग्नि प्रगट हो जाती हैं और गांव के गांव जलाकर राख कर देती हैं। यह सब क्या हो रहा है। विनाश हो रहा है। ये सब विनाश करते हैं।