छत्तीसगढ़ की संस्कृति को मिल रही नई पहचान: डॉ डहरिया गनियारी में लोककला महोत्सव में हुए शामिल:Chhattisgarh’s culture is getting new identity: Dr. Dahria Attended folk art festival in Ganiyari

भिलाई । नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया दुर्ग जिले के ग्राम गनियारी में गुरु घासीदास कला एवं साहित्य विकास समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय लोककला महोत्सव में शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोककला महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को संरक्षित करने और सहेजने का काम हो रहा है। राज्य की सरकार भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा को सहेजने का काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ यहा के तीज-त्यौहारों में शासकीय अवकाश देने की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि गांव में आपसी-भाईचारें के बीच इस महोत्सव को आयोजित कर सबकी सहभागिता से मनाया जाता है। इस तरह का आयोजन आगे भी गांव में होता रहे और आप सभी इसका आनंद उठाते रहे। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि हमारे किसान ही इस प्रदेश और देश की नींव और अर्थव्यवस्था है। किसान मजबूत होंगे तो गांव और प्रदेश मजबूत होगा, देश मजबूत होगा। किसान हमारे लिए भगवान की तरह है। किसानों को लाभान्वित करने सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए हैं। इससे किसानों में आर्थिक समृद्धि आएगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में विकास के कार्य किए जा रहे हैं। बिजली बिल भी हाफ किया गया है। स्थानीय बेरोजगारों की भर्ती भी शुरू कर दी गई है। मंत्री डॉ डहरिया ने कहा कि प्रदेश के सभी नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। स्वच्छताए ओडीएफ प्रधानमंत्री आवास शहरी सहित अन्य कई कार्यों के लिए राज्य को पुरस्कार भी मिला है। मोर जमीन-मोर चिन्हारी, मोर जमीन-मोर मकान सहित अन्य योजनाओं से गरीबों को लाभान्वित किया जा रहा है। मंत्री डॉ डहरिया ने क्षेत्र में बांधा तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ रुपए देने की घोषणा भी की। कार्यक्रम में पद्मश्री आरएस बारले और अनूप रंजन पांडे सहित अन्य कलाकारों और विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर निर्मल कोशले, श्रीमती ललिता वर्मा, संतोष तिवारी, दिनेश जांगड़े, हेमदास कुर्रे, एस आर बांधे, डॉ सी बी एस बंजारे, श्री रामधनी वर्मा सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।