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Facebooks big action on hate speech more than 90 lakh posts were removed with help AI | apps – News in Hindi

दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) हम सबकी जिंदगी का हिस्सा है. हो सकता है ये ख़बर भी आप फेसबुक पर ही पढ़ रहे हों. फेसबुक की रीच(पहुंच) इतनी ज्यादा है कि कई देशों की सरकारें इससे बनती और बिगड़ती हैं. खासतौर पर एशियाई देशों में जहां लोग अपने मजहब और राजनीतिक विचारधारा को लेकर काफी वोकल हैं, वहां इसकी प्रासंगिकता और बढ़ जाती है. ऐसे समय में फेसबुक की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है कि वो अपने प्लेटफॉर्म को क्लीन रखे. तमाम AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और तकनीक के बावजूद अभी भी ऐसी कोई तकनीक नहीं है जो किसी भी प्लेटफॉर्म को पूरी तरह साफ-सुथरा रखने का दावा करता हो. वो भी तब जब उसके पास पूरी दुनिया में 2600 मिलियन से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर हों. हालांकि फेसबुक ने अपने AI में सुधार किया है जिसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं.

सरकारों, राजनीतिक पार्टियों, एनजीओं और तमाम प्रभावशाली लोगों के दबाव की वजह से फेसबुक ने पिछले दिनों अपने प्लेटफॉर्म को क्लीन करने की कोशिश जरूर की है. उस डेटा की भी बात करेंगे लेकिन उससे पहले समझते हैं कि आखिर फेसबुक इतना इम्पॉर्टेंट क्यों है.

Datareportal वेबसाइट के मुताबिक भारत में फेसबुक के 280 मिलियन मंथली यूजर हैं. वहीं अमेरिका में 190M, इंडोनेशिया में 130M, ब्राजील में 120M, मैक्सिको में 86M, फिलिपींस में 82M, वियतनाम में 63M, थाईलैंड में 48M, मिस्र में 41M, बांग्लादेश में 37M, पाकिस्तान में 37M, तुर्की में 37M और यूके 37M हैं.

यानी भारत, फेसबुक का सबसे बड़ा बाजार है और भारत में इंटरनेट का प्रयोग करने वाले 94 फीसदी लोग फेसबुक का भी प्रयोग करते हैं. ऐसे में भारत जैसे देश में सामाजिक सौहार्द को बनाये रखने में फेसबुक की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो जाती है.

फेसबुक ने इस महीने(मई में) Facebook Community Standard Enforcement Report जारी की, जिसमें उसने बताया है कि साल 2020 के पहले क्वार्टर यानी तिमाई में कंपनी ने प्लेटफॉर्म को साफ-सुथरा रखने के लिए क्या किया. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने कुल 1.7 बिलियन फेक अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की है. इसके अलावा 9.6 मिलियन हेट स्पीच वाले पोस्ट रिमूव किये हैं. ये अब तक का रिकॉर्ड है. इससे पहले साल 2019 की आखिरी तिमाही में फेसबुक ने 5.7M ऐसे पोस्ट डिलीट किये थे. फेसबुक ने साल 2019 के तीसरे क्वार्टर में 7 मिलियन हेट स्पीच से जुड़े पोस्ट डिलीट किये थे.

फेसबुक के मुताबिक 2020 की पहली तिमाही में उसने हेट स्पीच से जुड़े पोस्ट को पहचानने के लिए नई तकनीक का सहारा लिया. हेट स्पीच से जुड़े पोस्ट को पहचाने के लिए अंग्रेजी भाषा में जिस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है उसे दूसरी भाषाओं में भी प्रयोग में लाया गया, हेट स्पीच से जुड़े जितने भी पोस्ट इस साल के पहले क्वार्टर में फेसबुक ने डिलीट किये हैं उसमें से 88.8% AI ने ही डिटेक्ट किया.

हालांकि AI के बावजूद पूरी तरह से हेट स्पीच को हटाना मुश्किल है. इसलिए सामान्य यूजर जिस पोस्ट को रिपोर्ट करता है उसे फेसबुक मैन्युअली रिव्यू करता है. फेसबुक के मुताबिक उसने जनवरी से मार्च के बीच 1.3 मिलियन हेट स्पीच से जुड़े ऐसे पोस्ट डिलीट किये हैं जिसे लोगों ने रिपोर्ट किया था. हालांकि पोस्ट करने वाले की अपील के बाद उसमें से करीब 63 हजार पोस्ट को फेसबुक ने रिस्टोर किया.

फेसबुक के मुताबिक हेट स्पीच क्या है
फेसबुक के मुताबिक अगर किसी की नस्ल, जातीयता, राष्ट्रीयता, धार्मिक जुड़ाव, यौन इच्छा,  जाति, लिंग और गंभीर बीमारी या फिर विकलांगता को लेकर अगर सीधे हमला किया जाए तो वो हेट स्पीच की श्रेणी में आता है. इसमें भड़काऊ भाषण शामिल है चाहें वो किसी भी रूप में हो. वीडियो, टेक्स्ट या फिर तस्वीर के रूप में. आप हेट स्पीच के बारे में ज्यादा जानकारी इस लिंक पर पढ़ सकते हैं.

इसके अलावा फेसबुक ने जो बड़े कदम उठाये हैं उनमें 39.5 मिलियन एडल्ट न्यूडिटी और सेक्सुअल एक्टिविटी वाले पोस्ट, 25.5M वॉयलेंट ग्रैफिक्स वाले पोस्ट, 8.6M चाइल्ड न्यूडिटी और सेक्सुअल एक्सप्लॉयटेशन वाले पोस्ट, 7.9M ड्रग्स वाले पोस्ट, 6.3M आतंकवाद वाले पोस्ट, 4.7M ऑर्गनाइज्ड हेट वाले पोस्ट, 2.3M बुलिंग और हैरेशमेंट वाले पोस्ट, 1.7 मिलियन सुसाइड और सेल्फ इंजरी वाले पोस्ट और 1900 मिलियन स्पैम डिलीट किये हैं.

फेसबुक के द्वारा जारी डेटा से साफ पता चलता है कि फेसबुक ने सबसे ज्यादा सेक्सुअल कंटेंट, हिंसक ग्रैफिक्स और हेट स्पीच से जुड़े पोस्ट हटाये हैं. भारत मे बढ़ रही धार्मिक हिंसा की एक वजह फेसबुक पर होने वाले भड़काऊ पोस्ट भी हैं. ऐसे में जरूरी है कि हमें और आपको जो भी गलत लगे, भड़काऊ या अश्लील लगे, उसे रिपोर्ट करें. AI की मदद से फेसबुक ने ऐसे पोस्ट को डिलीट करने की अपनी क्षमता बढ़ाई है लेकिन इसके लिए पूरी तरह मशीनों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है. इसलिए जरूरी है हम और आप एक सजग नागरिक की तरह व्यवहार करें. फेसबुक, ट्विटर, टिकटॉक, शेयरचैट, हेलो, इंस्टाग्राम चाहें कोई भी प्लेटफॉर्म हो, गलत लगने वाले पोस्ट को रिपोर्ट जरूर करें.



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