ब्राम्हण समाज द्वारा अहिंसा यात्रा एवं आचार्य श्री महाश्रमण जी का अभिनंदन किया गया, Ahimsa Yatra and Acharya Shri Mahashraman were greeted by the Brahmin Samaj
दुर्ग / छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी दुर्ग में जैन श्वेतांबर तेरापंथ के 11वे अनुशास्ता आचार्य श्री महाश्रमण जी का आगमन लगभग प्रातः 8 बजे वाय सेप ओवर ब्रिज साइंस कॉलेज के पास हुआ, जहां से सकल जैन समाज, सभी समाज, धर्म, एवं समुदाय द्वारा उनका अभिनन्दन किया गया. ब्राम्हण समाज दुर्ग के सदस्य बंटी शर्मा ने बताया कि आचार्य जी एवं अहिंसा यात्रा का विभिन्न समाजों द्वारा दुर्ग शहर के विभिन्न स्थानों में अभिनंदन किया गया, श्री गौड़ ब्राम्हण समाज, दुर्ग द्वारा प्रवचन स्थल लेकव्यू सोसायटी, बांधातालाब के सामने आचार्य जी का अभिनंदन किया गया. यह अहिंसा यात्रा सद्भावना नैतिकता, नशा मुक्ति के उद्देश्यों को लेकर पदयात्रा की जा रही है, इस यात्रा का प्रारंभ 9 नवम्बर 2014 को दिल्ली के लालकिला से हुआ है.. अहिंसा यात्रा के दौरान आचार्य श्री महाश्रमण जी ने पैदल चलकर 3 देशों और भारत के 20 राज्यों में 50 हजार से अधिक किलोमीटर का सफर तय किया है..
अहिंसा यात्रा की तीन प्रतिज्ञाएं लोग स्वीकार कर रहे है
- मैं सद्भावना पूर्ण व्यवहार करने का प्रयास करूंगा
- यथासंभव ईमानदारी का पालन करूंगा
- मैं नशा मुक्त जीवन जीऊंगा..
अहिंसा यात्रा के इस उद्देश्य को लेकर आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रेरणा से एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने नशामुक्ति का संकल्प ग्रहण किया है इस यात्रा की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि इस यात्रा का किसी भी जाति, वर्ग, संपदा, और अन्य किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति अंहिसा यात्रा का सहभागी बन सकता है.. ब्राम्हण समाज द्वारा किये गए अभिनन्दन कार्यक्रम में समाज के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, लखन लाल शर्मा, रामफल शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, अजय शर्मा, रमेश शर्मा, प्रमोद जोशी, पंडित आंनद शर्मा, योगेन्द्र शर्मा, ईशान शर्मा, राकेश शर्मा, सतबीर शर्मा, भावेश शर्मा, आंनद शर्मा, समाज के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे..