छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

प्रापर्टी गिरवी रख बैंक से लोन लेने वाले हो जाये सावधान, Be careful to take a loan from the bank by mortgaging the property

अब बैंक अधिकारी भूमाफियाओं से सेटिंग कर अधिक कीमत में बिकने वाली प्रापर्टी को अत्यधिक कम दर पर कर रहे हैं बेंचने का कार्य
प्रापर्टी मालिक को बिना सूचना दिये कर रहे हैे गिरवी रखे प्रापर्टियों को नीलाम
भिलाई / बैंक में अपना प्रापर्टी गिरवी रखकर लोन लेने वाले लोग अब सावधान हो जाये। क्योंकि अब लगभग अधिकांश बैंको के अधिकारी अपने बैंक के वेल्यूवेशनर और जमीन दलाल मिलकर प्रापर्टी को गिरवी रखकर लोन लेने वाले लोगों की प्रापर्टी जो लोन पटाने में देरी कर रहे है उनकी प्रापर्टी को जो ऊंचे दामों में बिक सकती है उसको भूमाफियाओं से सेटिंग कर कौडिय़ों के मोल बेचने का काम प्रापर्टी मालिक को बिना जानकारी दिये कर  रहे है और उसका पिछले दरवाजे से स्वयं लाभ लेने का कार्य कर रहे है और सरकार की स्टाम्प डयूटी तथा इंकम टेक्स की चोरी कर रहे हैे। हितग्राहियों की प्रापर्टी कम कीमती में बेचने के बाद बैंक का बचे शेष लाखों रूपये को उल्टा  बैंक में जमा करने नोटिस बैंक वाले भेज रहे है और थानों में एफआईआर दर्ज कराने की भी धमकी दे रहे है। इस प्रकार का अब तक कई मामला भिलाई के बैंक ऑफ बड़ौदा, आईडीबीआई, एचडीबी सहित दुर्ग भिलाई में संचालित कई  बैंक ों में सामने आ चुका है।  इसी प्रकार के एक मामले को लेकर स्वदेश मानव अधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष छोटू चावला, मनोज ठाकरे एवं उनकी टीम के लोगों ने आयोजित पत्रवार्ता में बताया कि आज पूरे देश और प्रदेश में यदि भ्रष्टाचार का गढ यदि कोई संस्था बना है तो वह है सीधे तौर पर बैंक जो कि हितग्राहियों को सीर्फ और सिर्फ परेशान और डिफाल्टर घोषित करने में लगा हुआ है।उन्होंने बैकों पर आरोप लगाते हुए े कहा कि लोन देते समय संपत्ति की वेल्यूवेशन और नीलामी राशि में भारी कमी दिख रही है। बैंक और भूमाफियों के साथ साथ जमीन दलालों की सक्रियता इन दिनो बैंकों में बढ गई है। बैंको द्वारा हितग्राहियों की करोडों की संपत्ति की रजिस्ट्री कम दर पर कर भूमिफायाओं के माध्यम से बेचे जाने का खेल चल रहा है। ऐसे में करोड़ों की संपत्ति कम दर पर बेंचकर सरकार की स्टाप्म डयूटी और इंकमटेक्स की चोरी की जा रही है। बैकों द्वारा एनपीए खाताधारकों की संपत्ति को बेचने से पहले बैठक की अनिवार्यता और संपत्ति का वेल्यूवेशन लोनधारी की उपस्थिति में की जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। बैंक के वेल्यूवेशन करने वाले और बैंक अधिकारियों की शिकायत जिले के सांसद, एसपी कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों से की है। उन्हेंाने आज विनय अग्रवाल, विनय बाफना सहित कई लोगों की जमीन जो कि बैंक में मार्डगेज थी, उसे निलाम करने के बावजूद भी और राशि मांगे जाने के मामले का खुलासा करते हुए बताया कि बैंक के वेल्यूवर और अधिकारी प्रापर्टी बैंक में रखकर लोन लेने वालो के  परिवारों को सिर्फ और सिर्फ परेशान कर रहे है, कई ऐसे परिवार है जिन्हें लॉकडाउन के दौरान बिना कोई नोटिस और सूचना दिये उनके घर की प्रापर्टी को बेंच डाला गया है और बाद में उनके उपर 30 लाख रूपये के बकाया का नोटिस थमाया जा रहा है, जिससे परिवार वाले काफी परेशान हेै। श्री चावला ने आगे कहा कि बैंक के लोग भूमाफिया को सीधे तौर पर लाभ  पहुंचा रहे हेै, बैंक अफसर ब्रोकर की भूमिका निभा रहे है। व्यक्ति कभी भी डिफाल्टर नही होता, बैंक वाले ही अपने लाभ के लिए उसे डिफाल्टर घोषित करते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि गलत वेल्यूवेशन करने वाले वेल्यूवेशनर और बैंक अधिकारियों पर पुलिस निष्पक्षता क ेसाथ जांचकर इनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज करें। बैंक के लोग स्थानीय  व्यापारी व व्यक्तियों का एनपीए व सिविल खराब करने का काम कर रहे हैं। खासकर प्रापर्टी माडगेज के मामले में ऐसे मे तो उनके परिवार के किसी भी सदस्य को पूरे देश मे ंकहीं पर भी लोन नही मिल पायेगा और उनके परिवार के सामने आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उन्हेांने यह भी बताया कि छग के जो व्यापारी है वह देश और प्रदेश के जनप्रतिनिधियों को सिर्फ बड़ा चंदा और वोट ही दे रहे हैं, उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नही है। पिछले सत्रह सालों में टीआरटी कोर्ट जो कि मध्यप्रदेश के जबलपुर में है, कोई भी समस्या हो तो वहां का चक्क्कर लगाना पउ़ता है। पत्रकारवार्ता में मनोज ठाकरे, शिवहारे एवं अन्य लोग मौजूद थे। छग में भी खोला जाये डीआरटी कोट छोटू चावला ने बताया कि आज 21 साल होने के बाद भी आज  तक छत्त्ीसगढ में डीआरटी कोर्ट नही खोला गया जो बैंकों के लोन व बैंको से संबंधित मामलों पर सुनवाई करता है। जबलपुर में ये पिछले 17 सालों से यक कोर्ट संचालित है जो मध्य प्रदेश, छत्त्ीसगढ सहित तीन प्रदेशों के मामलो की सुनवाई करता है, यहां ऐसे मामलों की भरमार है जिसके सुनवाई के लिए एक मात्र जज ही नियुक्त है, इसके कारण ऐसे प्रकरणों की सुनवाई में अत्यधिक देरी होती है जिसका लाभ बैक उठाकर लोन लनेे वालों की जमीन को कौड़ी के दाम में बेचने का काम करते हैे। इसलिए छत्त्ीसगढ में भी जल्द से जल्द डीआरटी कोर्ट खोला जाये ।

Related Articles

Back to top button