मायके से महिला लौटी ताे पति ने दरवाजा बंद किया, सखी सेंटर ने कहा- पानी की समस्या है, नहीं रख पाएंगे
सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ बिलासपुर- महिलाओं को सुरक्षा और उनके सहयोग के लिए बने सखी सेंटर ही एक परेशान महिला की सखी बनने से इंकार कर दिया। सेंटर के कर्मचारियों ने पानी की समस्या का हवाला देकर दर-दर भटक रही महिला को आश्रय देने से मना कर दिया। फिर महिला टीआई रातभर पीड़िता को लेकर भटकती रही।
मुुंगेली क्षेत्र की 26 वर्षीय महिला का अपने पति से अनबन चल रहा है। कुटुंब न्यायालय में मामला लंबित है। पति भरण पोषण देने के लिए तैयार नहीं है। महिला का खर्च उसके मायके वाले भी नहीं उठा पा रहे हैं इसलिए वो शुक्रवार की शाम घर छोड़कर अपने पति के घर जबड़ापारा आ गई। बाहर से दरवाजा खटखटाई तो पति ने ही दरवाजा खोला। पत्नी को जैसे ही वह सामने देखा भीतर से दरवाजा बंद कर लिया।
महिला पहुंची थाने और बताई आपबीती
वह मायके लौटना नहीं चाहती। वो सरकंडा थाने गई। पुलिस के सामने उसे रात को रखने की समस्या आ गई। टीआई संतोष जैन ने एक महिला हेड कांस्टेबल बबीता श्रीवास के साथ उसे नूतन चौक स्थित महिला बाल विभाग द्वारा संचालित सखी सेंटर भेजा। यहां के कर्मचारियों ने दरवाजा तक नहीं खोला और खिड़की से ही पानी की समस्या बताकर रखने से मना कर दिया।
शिकायत पर नहीं मिला कोई रिस्पॉन्स
महिला कांस्टेबल उसे लेकर थाने लौट आई। इधर टीआई ने इसकी शिकायत 1095 में की। वहां से भी कोई रिस्पांस नहीं मिला। टीआई ने कहा कि सखी सेंटर में महिला नगर सैनिकों के अलावा चार-चार कर्मचारी रहते हैं। भीतर कूलर चला रहे हैं। यदि पानी की समस्या होती तो कूलर कैसे चलता?
उज्जवला होम में कहा- यहां मानसिक रोगियों को रखा जाता है
टीआई संतोष जैन के लिए अनुसार रात को महिला कांस्टेबल बबीता श्रीवास उसे लेकर उज्जवला होम भी गई। यहां कहा गया कि उनके यहां मानसिक रोगी महिलाओं को रखा जाता है। वहां से भी लौटा दिया गया। देर रात महिला कांस्टेबल उसे लेकर जरहाभाठा की महिला सुधार गृह गई थी। संतोष जैन के मुताबिक महिला किसी मामले में आरोपी नहीं है। ऐसे में उसे महिला थाने में नहीं रखा जा सकता है। सुबह उसके परिजनों को बुलाने की कवायद की जा रही है।
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