कोविड-19 की जानकारी में मीडिया निभाए सक्रिय भूमिका – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय
कोविड-19 की जानकारी में मीडिया निभाए सक्रिय भूमिका – प्रकाशपुन्ज पाण्डेय
समाजसेवी और राजनीतिक विश्लेषक प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कोविड – 19 के बढ़ती संक्रमण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि इस महामारी के बारे में जब पूरे विश्व को अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, जब अभी तक इसकी कोई दवा नहीं बनी है और सरकारें अपने स्तर पर पूरा प्रयास कर चुकी हैं, तो ऐसी स्थिति में लोगों के दिलों से इस भयंकर महामारी का भय दूर करने के लिए मीडिया द्वारा भी आगे बढ़कर अपने स्वविवेक से एक सकारात्मक और व्यापक तौर पर कदम उठाने की आवश्यकता है। कोरोना काल के शुरुआती दौर में इस साल मार्च में जब कोविड – 19 के लगभग 500 केसेस पर संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया तो उस समय सभी को याद होगा कि कैसे कुछ राष्ट्रीय समाचार चैनलों ने कोरोना को बढ़-चढ़कर कवर किया। उन्होंने दिखाया की कोरोना का क्या रूप हो सकता है। उन्होंने यहां तक दिखा दिया कि किसी एक संप्रदाय के लोगों के द्वारा इस बीमारी को फैलाया जा रहा है और यह एक साजिश के स्वरूप में अंजाम दिया जा रहा है। यह बहुत ही दुखद था। असल में यही वह काल था जब से लोगों के दिलों में डर बैठ गया और उसके बाद निरंतर इसके बारे में केवल दुष्प्रचार किया गया। मैं नहीं कहता कि सभी मीडिया हाउसेस ने ऐसा किया। लेकिन कुछ मीडिया हाउसेस की ऐसी करनी के कारण संपूर्ण मीडिया जगत बदनाम हुआ और अब देश में ऐसी स्थिति आ गई है अगर किसी को छींक भी आ जा रही है तो लोग उसे शक की निगाह से देखते हैं, लोग उससे बातचीत बंद कर देते हैं, उसके परिवार को हीन भावना से देखा जाता है। यह सर्वथा अनुचित है।
प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि असल में यह गलती सरकार के उच्च पद पर बैठे नेताओं के कारण भी हुई थी। उन्हें जनता को इस संक्रमण के बारे में पूरी सच्चाई को अवगत करा कर, सचेत करते हुए यह बताना था कि यह एक लंबे समय तक चलने वाला संक्रमण है जिससे बचाव ही इसका वर्तमान में इलाज है, बजाय की से डरें। लेकिन सरकार ने जनता को झूठा आश्वासन दिया कि 21 दिनों में हम कोरोना की जंग को जीत लेंगे, जो अब पूर्ण रूप से झूठा साबित हो रहा है। सरकारों को जो करना था सो कर लिया अब बारी मीडिया की है। क्योंकि मीडिया की बताई हुई बातों को ही जनता स्वीकार करती है। इसीलिए मीडिया को चाहिए की स्वविवेक को इस्तेमाल करते हुए अपने डिजिटल पोर्टल, लाइव टीवी, अखबारों और अपने समाचार चैनलों के माध्यम से अलग-अलग कार्यक्रम दिखाकर जनता को यह भी बताना चाहिए कि इस बीमारी से बहुत लोग ठीक हो चुके हैं। इस बीमारी का इलाज आत्मविश्वास और अपनी इम्यूनिटी को ठीक करना है। जब तक सरकार द्वारा बाजार में इसकी दवा ना आ जाए तब तक सब लोगों को एक दूसरे से मिलजुल कर सहयोग करके जंग लड़ने की जरूरत है और डरने की कोई जरूरत नहीं है। लोगों को एक दूसरे से जरूरी शारीरिक दूरी बनाए रखने की जरूरत है और समय-समय पर स्वच्छता का ध्यान रखते हुए मास्क पहनने की अनिवार्यता को समझना जरूरी है। मुझे पूरा यकीन है कि अगर मीडिया इस प्रकार की अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं तो वाकई जनता में आत्मविश्वास बढ़ेगा और मीडिया को ऐसे लोगों को भी आगे लाना चाहिए जिन्होंने इस संक्रमण पर विजय पाई है, जिन्होंने अपना इलाज करवा कर कर कोरोना वायरस को हराया है। अब आरोप-प्रत्यारोप लगाने और पहले की गई गलतियों के बारे में बात करने से अच्छा भविष्य के लिए वर्तमान में कुछ सकारात्मक कार्य करने की जरूरत है।