हुडको पार्षद दिनेश ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव जीत बना पार्षद

गृहमंत्री के विशेष सहायक कैलाश वर्मा ने तत्काल कार्यवाही करने लिखा कलेक्टर को पत्र
भिलाई। एक ओर जहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति का मामला चल रहा है, वैसे ही एक मामला भिलाई के शहीद कौशल यादव वार्ड हुडके के वार्ड 69 में सामने आया है। जहां यहां के वार्ड पार्षद दिनेश प्रसाद यादव ने पिछड़ा जाति का फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़े हैं और जीतकर पार्षद बने है। दिनेश कुमार पूर्व मंत्री एवं भाजपा के कद्दावर नेता प्रेमप्रकाश पाण्डेय के बेहद करीबी माने जाते है। इस मामले की शिकायत पार्षद दिनेश के विरूद्ध कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़े बी मार्केट हुडको निवासी लोकेश कुमार साहू ने कलेक्टर एवं निगम आयुक्त को आवेदन देकर इस मामले की जांच कर पार्षद के जीत को शून्य घोषित करने की मांग की लेकिन इस मामले में निगम आयुक्त ने पत्र के माध्यम से लोकेश को बताया कि यह मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है, इस पर निर्णय एसडीएम या कलेक्टर ही ले सकते है। इसके बाद लोकेश साहू ने प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के पास इस मामले की शिकायत की जिसको तुरंत संज्ञान में लिया। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष सहायक कैलाश वर्मा ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इस मामले में तुरंत कार्यवाही करने और उससे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को अवगत कराने कहा है। ज्ञातव्य हो कि गत 2016 में हुए भिलाई निगम के चुनाव में लोकेश भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रसाद यादव से मात्र 1 वोट से चुनाव हारे थे।
लोकेश ने हमारे संवाददाता को बताया कि 2016 में हुए निगम चुनाव में हम दोनो ने पार्षद चुनाव लडऩे के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया था, जिसमें भाजपा प्रत्याशी एवं वर्तमान पार्षद दिनेश प्रसाद यादव ने नामांकन के दौरान जो जाति प्रमाण पत्र पेश किया है वह फर्जी है क्योंकि दिनेश प्रसाद यादव ने जो प्रमाण पत्र जमा किया है, उसको सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई जानकारी से ज्ञात हुआ कि राजस्व प्रकरण रजिस्टर में क्रमंाक 588 व 121 नंबर में कृष्ण कुमार राठौर सुपेला के नाम से प्रमाण पत्र जारी हुआ है। इस दस्तावेज में कूटरचना कर अपने नाम से प्रमाण पत्र बनाकर दिनेश ने उसे निर्वाचन कार्यालय में जमा किया था। बताया जाता है कि राजनैतिक दबाव के कारण ये मामला पिछले तीन साल दबा पड़ा हुआ था, अब यह मामला फिर सामने आया है और गृहमंत्री के विशेष सहायक कैलाश वर्मा ने इस मामले में कलेक्टर को पत्र लिखकर तत्काल कार्यवाही करने कहा है।
ज्ञातव्य हो कि आज से पांच वर्ष पूर्व जिला पंचायत में हुए चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी रही हिमा साहू ने हेमा साहू के नाम से प्रमाण पत्र निर्वाचन कार्यालय में जमाकर चुनाव लड़ी थी और विजयी भी हुई थी। इस मामले की शिकायत हिमा के विरूद्ध चुनाव लड़ी भाजपा प्रत्याशी ने जेवरा सिरसा चौकी में एफआईआर दर्ज कराई थी कि हिमा साहू ने हेमा साहू के नाम से प्रमाण पत्र जमाकर चुनाव लड़ी है और इसके लिए दस्तावेज जमा की थी उसमें उसका नाम हेमा साहू और पति का नाम भी दूसरा था। जिस हेमा साहू के नाम से नामांकन भरा गया वह महिला चिखली ग्राम पंचायत की निवासी है, जबकि हिमा साहू भिलाई निवासी है। चुनाव में विजयी होने के बाद हिमा साहू जिला पंचायत में बैठती रही थी और पुलिस उसे फरार बताती रही क्योंकि उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण वह कांग्रेस छोड़ भाजपा ज्वाईन कर ली थी इसलिए इस मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया गया।