छत्तीसगढ़

बस्तर अंचल के ख्याति प्राप्त शिल्पकारों व रचनाकारों के साक्षात्कार की पुस्तक का हुआ विमोचन

लोक कलाओं के विकास के लिए इस तरह के आयोजन, ऐसी पत्रिका व पुस्तकें बेहद जरूरी- सोनाधर पोयाम (राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित शिल्पकार)

शिल्पकारों, रचनाकारों की सहेली है ककसाड पत्रिका-तीजऊ राम बघेल (राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित शिल्पी)
सदियों के अनुभव व ज्ञान का खजाना छिपा है लोक कथाओं में-डॉ राजाराम त्रिपाठी
बस्तर की लोक कथाओं में नैतिक शिक्षा तथा प्रेरक तत्व” विषय पर  संगोष्ठी सम्पन्न

कोंडागांव । हाल में ही जनजातीय सरोकारों की दिल्ली से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका “ककसाड़”  में विगत 4 वर्षों में प्रकाशित चुनिंदा साक्षात्कारों की  पुस्तक “छोटी सी मुलाकात”  प्रकाशित की गई। इसका लोकार्पण, 6 अक्टूबर दिन रविवार को मां दंतेश्वरी हर्बल स्टेट  परिसर डीएनके कोंडागांव में छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद कोंडागांव तथा ककसाड़ पत्रिका के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर जिन विभूतियों के साक्षात्कार इस पुस्तक में प्रकाशित किए गए हैं उन्हें इस पुस्तक की प्रति भी भेंट की गई। इस पुस्तक में जनजातीय क्षेत्रों में सतत साधनारत स्थानीय कलाकारों,  शिल्पकारों,  रचनाकारों के चुनिंदा साक्षात्कार प्रकाशित किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि इस पुस्तक में बस्तर के वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल,हल्बी में रामचरितमानस के रचयिता रामसिंह ठाकुर, लौहशिल्प के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त तिजऊ राम (तीजू राम बघेल), भित्ति चित्र कला के ख्याति प्राप्त खेमदास वैष्णव, लौह शिल्प के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सोनाधर पोयाम, भित्तिचित्र कला के जगदीश तिवारी, मिट्टी शिल्प कला के  बुशचंद्र चक्रधारी, पट्ट चित्रकला की प्रख्यात कलाकार राजेंद्र राव राऊत आदि विभूतियों के साक्षात्कार शामिल हैं,इन कलाकारों को इस पुस्तक की प्रतियां भेंट की गई तथा उनका नागरिक अभिनंदन किया गया! कार्यक्रम के दूसरे भाग में लोक कथाओं में “नैतिक शिक्षा तथा प्रेरक तत्व” विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई. परिचर्चा की शुरुआत स्वरकोकिला शिप्रा त्रिपाठी के स्वरचित तथा संगीतबद्ध मधुर प्रेरक गीत से की गई। इस परिचर्चा में वरिष्ठ साहित्यकार सुरेन्द्र रावल, ककसाड के संपादक  डा राजाराम त्रिपाठी, यशवंत गौतम, अखिलेश त्रिपाठी, जमील खान, ब्रजेश तिवारी, मधुतिवारी, इंदल सोनी, अपूर्वा त्रिपाठी के द्वारा अपने विचार व्यक्त किए गए।

डॉ राजाराम त्रिपाठी ने कहा कि लोककथाओं में  सदियों के अनुभव व ज्ञान का खजाना छिपा होता है, वरिष्ठ साहित्यकार सुरेंद्र रावल ने कहा की लोक कथाएं नैतिक शिक्षा का प्रमुख स्रोत रही है। बुद्धिजीवी तथा चिंतक बृजेश तिवारी दे लोक कथाओं को समाज के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह उपयोगी बताया । बस्तर विश्वविद्यालय के शोध छात्र अखिलेश त्रिपाठी ने कहा की नैतिक शिक्षा तथा सर्व मंगल की भावना लोक कथाओं का प्रमुख तत्व है। वरिष्ठ साहित्य यसवंत गौतम जी बस्तर की लोक कथाओं में नैतिक शिक्षा के तत्वों को उदाहरण देकर समझाया। वरिष्ठ पत्रकार तथा लेखक जमील खान ने दादी अम्मा नानी तथा बड़े बूढ़ों की लोक कथाओं को नैतिक शिक्षा का प्रमुख स्रोत बताया। वरिष्ठ कवियत्री  मधु तिवारी ने इस मुद्दे पर अपनी बात को कविता में ढालकर  सबके सामने रखा। रायपुर से पधारे इंदल दास ने लोक कथाओं में नैतिक शिक्षा के वैज्ञानिक तत्वों की व्याख्या की। इस अवसर पर “ककसाड”  का पांचवां वार्षिकोत्सव व इसकी कानूनी सलाहकार अपूर्वा त्रिपाठी का  जन्मोत्सव  भी सम्मिलित रूप से मनाया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्षता हरेन्द्र यादव ने की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त सोनाधर पोयाम थे तथा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त लौह शिल्पी तीजऊ राम,बुशचंद्र चक्रधारी, यशवंत गौतम विशिष्ट अतिथि के आसंदी पर विराजमान थे।मुख्य अतिथि की आसंदी से बोलते हुए सोनाधर पोयम ने कहा कि जनजाति सरोकारों की पत्रिका ककसाड़ ने  इस अंचल की शिल्पकार ओ तथा रचनाकारों को राष्ट्रीय फलक में सम्मानजनक स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण तथा ऐतिहासिक योगदान दिया है। इसके लिए उन्होंने डॉ राजाराम त्रिपाठी, कुसुमलता सिंह तथा पत्रिका की टीम को धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम के प्रथम भाग का संचालन सुरेन्द्र रावल तथा द्वितीय भाग का संचालन  ब्रजेश तिवारी के द्वारा किया गया। अंत में  अनुराग कुमार के द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षेत्र के रचनाकार तथा बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।

राजीव गुप्ता

Rajeev kumar Gupta District beuro had Dist- Kondagaon Mobile.. 9425598008

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